बसों की कमी का दंश झेल रहे यात्री, बस चालकों की नहीं रूक रही मनमानी
जान जोखिम में डाल छत पर यात्रा करने को मजबूर
हरनावदाशाहजी में सोमवार सुबह मनोहरथाना से बारां जाने वाली एक मात्र रोडवेज बस जिसमें सवारियां ठूंस - ठूंस कर भरने के बावजूद छत के उपर भी सवारियों को बैठे देखा गया
हरनावदाशाहजी। हरनावदाशाहजी में सोमवार सुबह मनोहरथाना से बारां जाने वाली एक मात्र रोडवेज बस जिसमें सवारियां ठूंस - ठूंस कर भरने के बावजूद छत के उपर भी सवारियों को बैठे देखा गया। इससे यह जाहिर होता है कि क्षेत्र में यातायात के प्रयाप्त साधन नहीं है। लोगों ने डबल इंजन की सरकार पर सवाल खड़े करते हुए अतिरिक्त बसों के संचालन करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि सरकारी बस चालकों द्वारा खुलेआम ट्रैफिक नियमों की उल्लंघन कर सवारियों को बसों की छतों पर बैठाकर उनकी जान को जोखिम में डाला जा रहा है। लोगों की कीमती जान से खिलवाड़ करने वाले इन बस चालकों पर किसी प्रकार कार्रवाई नहीं की जा रही है। हालांकि बारां जिला ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के समय-समय पर चालान किए जाते हैं। बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बस चालकों की मनमानियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। बस चालक सभी नियम कायदों को दरकिनार करते हुए सरेआम ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना कर रहे हैं। नियमों की अवहेलना करते हुए बस चालक लापरवाही से बसों को ओवरलोड करके लोगों को बसों की छतों पर बैठाकर उनकी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।
रोडवेज की नई बसों का संचालन शुरू करने की मांग
ईधर कस्बे में रोडवेज बसों की कमी क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। कस्बे सहित क्षेत्रवासियों की डबल इंजन की सरकार से मांग है कि क्षेत्र में रोडवेज की नई बसों का संचालन शुरू किया जाए। वहीं अरसे से बंद पड़ी बारां-इंदौर, बारां-भोपाल समेत कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी आगार की नई बसों का संचालन शुरू करने की मांग की है।
जिम्मेदारों का बस संचालन पर नही ध्यान
कस्बे से जुड़े सड़क मार्गों पर पर्याप्त यात्री भार मिलने के बावजूद रोडवेज बसों का नियमित संचालन कराने पर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। पहले यहां रात्रिकालीन बसों का पर्याप्त संचालन था, लेकिन परिचालकों की ओर से यात्री भार कम दशार्ने के कारण बसों का संचालन बंद कर दिया गया। क्षेत्रवासियों ने नई रोडवेज बसों के संचालन की मांग की है।
यात्रियों को महंगा पड़ रहा अवैध वाहनों का किराया
रोडवेज बसों के अभाव में यात्रियों को निजी वाहनों में अधिक किराए देकर यात्रा करनी पड़ रही है। कस्बे से अकलेरा तक 15 किमी का किराया ऑटो, मिनीडोर या जीपों में 30 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं जबकि इसी दूरी में रोडवेज बस का किराया 20 रुपए है। कस्बे से अकलेरा तक नई सड़क बनकर तैयार हो गई है। वहीं कस्बे से मनोहरथाना तक रोड चौड़ाई करण का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। कस्बे से वाया बंजारी सेतकोलू रोड के चौड़ाईकरण का कार्य भी प्रगति पर है।
अकलेरा रेलवे स्टेशन से कस्बे तक का लगता अधिक किराया
यात्रियों के अनुसार झालावाड़ जिले के अकलेरा के रेलवे स्टेशन से कस्बे तक आने का निजी साधनों में 50 रुपए का किराया चुकाना पड़ रहा है जबकि कोटा से अकलेरा तक ट्रेन का किराया 35 रुपए
सफर महंगा और हो रहा कष्टदायक
रोडवेज बसों के अभाव में लोगों का सफर महंगा और कष्टदायक बना हुआ है। कस्बे में पहले कोटा, बूंदी, झालावाड़ एवं बारां आगार की आधा दर्जन से अधिक बसों का नियमित संचालन होता था। इनमें बारां-इंदौर, बारां-भोपाल बस का संचालन अचानक से बंद हुआ, जिसके बाद दोबारा शुरू नहीं हुआ।
मनोहरथाना से संचालित रोडवेज बसों को वाया हरनावदाशाहजी से चलाया जाए तो निश्चित ही यात्रीभार बढ़ेगा। इससे क्षेत्र के लोगों को भी राहत मिलेगी।
- सुनील सोनी, समाजसेवी
ओवरलोड अवैध वाहनों पर अंकुश लगना चाहिए। साथ ही रोडवेज बसें सुचारु रूप से संचालित हो। हरनावदाशाहजी कस्बे से इंदौर, भोपाल के लिए रोडवेज बसें फिर से चलाई जाए।
- नितिन जैन, रेडिमेड कपड़ा व्यापारी
इन दिनों कस्बे में रोडवेज की बसों की कमी है। बारां डिपो की एकमात्र बस बारां-मनोहरथाना और एक-एक बस कोटा व झालावाड़ डिपो की चल रही है जो यात्रीभार के मुकाबले बहुत कम है। अतिरिक्त बसों का संचालन होना चाहिए।
- यश पंचोली, युवा नेता
हरनावदाशाहजी-अकलेरा नई सड़क बन गई है। कोटा से अकलेरा तक आने वाली दो-तीन रोडवेज बसों का संचालन हरनावदाशाहजी तक कर दिया जाए तो यात्रियों को राहत मिल सकेगी।
- आशू मंसूरी, कस्बा निवासी
हरनावदाशाहजी होते हुए बारां के लिए फिलहाल एक रोडवेज बस संचालित है। जुलाई तक रोडवेज के बेड़े में नई बसें आने की उम्मीद है। बारां मनोहरथाना जो बस संचालित है। उसमें सवारियों से मना करने के बावजूद भी पीछे से छत पर चढ़ जाते हैं। चालक परिचालक को पाबंद कर कार्यवाही की जाएगी।
- योगेंद्र सिंह, मैनेजर, बारां डिपो
बसों में ओवरलोड सवारियां बैठाना गलत है। इस पर सख्ती बरती जाकर चालक परिचालक के विरुद्ध कार्रवाही की जाएगी।
- अजय कुमार मीणा, चीफ मैनेजर कोटा

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