मेनिन्जाइटिस के बढ़ते मामलों पर चिंता : बच्चों में गंभीर प्रभाव; डॉक्टरों ने की जागरूकता और टीकाकरण अभियान तेज करने की मांग
इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना
विशेषज्ञों ने मेनिन्जाइटिस (ब्रेन फीवर) को गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट बताते हुए टीकाकरण को सबसे प्रभावी बचाव बताया। हर साल 2.5 मिलियन मामले दर्ज होते हैं, जिनमें 70% मौतें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होती हैं। भारत मेनिन्जाइटिस मृत्यु दर में शीर्ष देशों में है। नाइसेरिया मेनिन्जिटिडिस से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए शुरुआती पहचान और वैक्सीन जरूरी हैं।
जयपुर। मेनिन्जाइटिस, जिसे आमतौर पर ब्रेन फीवर कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इस बीमारी को टीकाकरण द्वारा रोका जा सकता है। मेनिन्जाइटिस जागरूकता पहल का उद्देश्य इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसे समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है, ताकि शुरुआती पहचान और टीकाकरण के माध्यम से इसकी रोकथाम की जीवनरक्षक क्षमता को बढ़ावा दिया जा सके। हर वर्ष दुनिया भर में 2.5 मिलियन से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं, जिसके कारण मेनिन्जाइटिस एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन गया है।
इस बीमारी से होने वाली कुल मौतों में लगभग 70प्रतिशत बच्चे 5 वर्ष से कम आयु के होते हैं। राजधानी जयपुर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि मेनिन्जाइटिस, जिसे ब्रेन फीवर भी कहा जाता है, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली झिल्लियों (मेनिन्जीस) में सूजन होने के कारण होता है और यह आमतौर पर बैक्टीरियल, फंगल या वायरल संक्रमण से उत्पन्न होता है। मेनिन्जाइटिस के क्लिनिकल लक्षण इसके कारण, बीमारी के स्वरूप (तीव्र, उप-तीव्र या जीर्ण), मस्तिष्क में सूजन (मेनिंगो-एन्सेफलाइटिस) और अन्य शारीरिक जटिलताओं (जैसे सेप्सिस) पर निर्भर करते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में गर्दन में अकड़न, बुखार, भ्रम या मानसिक स्थिति में बदलाव, सिरदर्द, मतली और उल्टी शामिल हैं। कम सामान्य लक्षणों में दौरे, कोमा और न्यूरोलॉजिकल समस्याए (जैसे सुनने या देखने की क्षमता में कमी, संज्ञानात्मक हानि या अंगों में कमजोरी) शामिल हैं।
भारत, मेनिन्जाइटिस से होने वाली मृत्यु संख्या में दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है। एक्यूट बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस के तीन प्रमुख रोगजनकों में से, नाइसेरिया मेनिन्जिटिडिस उपचार के बावजूद 15 प्रतिशत तक मृत्यु दर और बिना उपचार के 50 प्रतिशत तक मृत्यु दर का कारण बनता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि भारतीय बच्चों, विशेषकर दो वर्ष से कम आयु के बच्चों में नाइसेरिया मेनिन्जिटिडिस जनित एक्यूट बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस के मामलों में वृद्धि हुई है। इसलिए टीकाकरण के जरिए इस बीमारी को रोका जाना बेहद जरूरी है।

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