डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर साइबर ठगी, राजस्थान साइबर पुलिस की एडवाइजरी
डर के कारण लोग बड़ी धनराशि ट्रांसफर कर देते
राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को सावधान करते हुए एडवाइजरी जारी की है।
जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को सावधान करते हुए एडवाइजरी जारी की है कि साइबर ठग “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं।
साइबर अपराधी आम नागरिकों को कॉल कर खुद को CBI, Mumbai Police, Custom, Income Tax, या ED का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर वर्दी व नकली वारंट दिखाते हैं। वे दावा करते हैं कि पीड़ित या उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम ड्रग्स, रेप, देशविरोधी गतिविधि या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों में आ रहा है।
इसके बाद वे “पुलिस वेरिफिकेशन” के नाम पर पीड़ित से उसकी FD, बैंक अकाउंट या अन्य निवेश की राशि साइबर अपराधियों द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर करने को कहते हैं, यह कहकर कि वेरिफिकेशन के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। साथ ही वे धमकी देते हैं कि वेरिफिकेशन पूरा होने तक वीडियो कॉल पर बने रहें और किसी को भी जानकारी न दें। डर के कारण लोग बड़ी धनराशि ट्रांसफर कर देते हैं।
साइबर सेल की आमजन को सलाह :
1. सावधान रहें – कोई भी पुलिस या सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी या अपराध में लिप्त होने की धमकी नहीं देती।
2. धनराशि ट्रांसफर न करें – ऐसे किसी भी कॉल पर बैंक खाते या UPI के माध्यम से कोई राशि ट्रांसफर न करें।
3. तुरंत रिपोर्ट करें – ऐसी किसी भी संदिग्ध कॉल या घटना की जानकारी तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन, साइबर थाने, www.cybercrime.gov.in या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, 9256001930, 9257510100 पर दें।

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