भारत बंद का राजधानी जयपुर में दिखा असर, रोडवेज बसों और लो फ्लोर बसों का संचालन हुआ बंद
जयपुर के बाजारों में दिखा लॉकडाउन सा नजारा
बरकत नगर, महेश नगर का बाजार पूर्णतया बंद, केवल मेडिकल की दुकान रही खुली
जयपुर। एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान लागू करने के मामले में भारत बंद के आह्वान का असर राजधानी जयपुर में भी दिखा। बाजार के अलावा रोडवेज बसों और लो फ्लोर बसों का भी संचालन बंद रहा।
इसके अलावा जयपुर शहर के सभी बाजार पूर्णतया बंद है। बुधवार को सुबह सुबह खुलने वाली कचौरी, समोसा, पोहा और अन्य नाश्ते की एक भी दुकान नहीं खुली।
परकोटे में फूल माला की दुकानें भी नहीं खुली
अल सुबह खुलने वाली छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़ के खंदे वाली फूल माला की दुकानें भी बंद रही। किशनपोल बाजार, छोटी चौपड़ बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता, नाहरगढ़ रोड़ हवामहल बाजार, सुबास चौक ओर चांद पोल बाजार पूर्णतया बंद है।
जयपुर व्यापार महासंघ के महासचिव सुरेश सैनी ने बताया कि स्वेच्छा से प्रतिष्ठान बंद रखें है। जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित सिंह संचौरा ने बताया कि आठ साल पहले हुए तांडव के कारण भय से प्रतिष्ठान बंद रखें है। लूट पाट, आगजनी की ज़िम्मेदारी कौन ले। व्यापारियों ने भय के कारण प्रतिष्ठान बंद रखें है।
जयपुर में बरकत नगर और महेश नगर का बाजार पूर्णतया बंद रहा। बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। यहां आम दिनों में भारी भीड़ रहती है। केवल मेडिकल की दुकान की खुली रही। जो की बंद के कॉल से अलग रखी गई है। छोटी-छोटी टुकडियो में आरक्षित वर्ग के युवा नारेबाजी करते हुए भी सड़कों पर नजर आए। यहां बंद पूर्णतया शांतिपूर्ण है। व्यापारियों ने सुबह दुकान बंद ही रखी और खोली नहीं।
मंडियों में नहीं लगा कांटा
राजधानी कृषि उपज मंडी कूकर खेड़ा, सूरज पोल मंडी में व्यापारियों ने स्वेच्छा से प्रतिष्ठान बंद कर दिए हैं। मंडी में बुधवार को कांटा नहीं लगा। माल की अवाक जावक थम गई। मंडी में पल्लेदार गुमास्ते, मुनीम सहित कोई कर्मचारी नहीं आए।
ग्रामीण क्षेत्र में कम दिखा भारत बन्द का असर
शहर में तो बंद का असर दिखा लेकिन जयपुर शहर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में बन्द का असर नाम मात्र का ही दिखाई दिया। जयपुर ग्रामीण के बगरू कस्बे में सुबह-सुबह कई दुकानें बंद रही तो कहीं खुली रही। बेगस कस्बे के अंदर नाम मात्र का ही असर दिखाई दिया और अधिकांश दुकानें खुली हुई दिखाई दी कुछ ही दुकान बंद थी। दुकानदारों और ग्रामीणों ने कहा कि भारत बन्द के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में असर कम ही दिखाई दिया है क्योंकि यहां पर एससी और एसटी का बाहुल्य कम है।

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