होटल की बेपर्दा कांच की खिड़की से निजता हुई भंग, वीडियो वायरल
कांच की खिड़की और पर्दा खुला तो
यदि कपल ने जानबूझकर ऐसा किया है, तो वह भी दोषी है अन्यथा वीडियो बनाकर उसे वायरल करने वाले लोगों कार्रवाई होनी चाहिए।
जयपुर। जयपुर शहर में चार दिन पहले फाइव स्टार होटल की बेपर्दा कांच की खिड़की की वजह से हुई एक कपल की निजता भंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की घटना ने कई ने तरह के सवाल खड़े कर दिए।
कांच की खिड़की और पर्दा खुला तो
यह घटना जयपुर शहर के 22 गोदाम सर्किल के पास होटल हॉलिडे इन की है। सहकार मार्ग पर स्थित यह फाइव स्टार होटल गेस्ट के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है। यहां गत दिनों थर्ड फ्लोर पर स्थित एक लग्जरी रूम में कपल ठहरा हुआ था। रात के समय कपल ने शारीरिक संबंध बनाए। चूंकि खिड़कियां कांच की थी और पर्दा खुला था तो कपल के अंतरंग संबंध होटल के बाहर से गुजरने वाले लोगों को साफ दिखाई दे रहे थे। गनीमत यह रही कि खिड़की के शीशे की वजह से चेहरा सार्वजनिक नहीं हो पाया, वरना कपल के लिए जिन्दगीभर सिर दर्द बन जाता है। सड़क से गुजर रहे राहगिरों ने इसका वीडियो बना लिया और दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यानी कि इस फाइव स्टार होटल में ठहराना उस कपल को भारी पड़ गया।
विधि विशेषज्ञों की राय
इस मामले को लेकर नवज्योति ने कुछ विधि विशेषज्ञों की राय ली है। उनके अनुसार होटल की खुली कांच की खिड़की से किसी व्यक्ति की निजता भंग होने की स्थिति में कानूनी रूप से कार्रवाई संभव है। विशेषकर यदि यह घटना जानबूझकर की गई हो या होटल की लापरवाही के कारण व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी, दृश्य या गतिविधि अन्य लोगों को दिख गई हो। भारत में इसके लिए कई कानूनी उपाय है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 270 में प्रावधान है कि यदि किसी होटल की बनावट सार्वजनिक रूप से किसी की निजता को बाधित कर रही हो, तो यह लोक उपद्रव की श्रेणी में आता है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 में प्रावधान है कि यदि किसी महिला की निजता भंग हो और उसमें अश्लील दृष्टि या टिप्पणी शामिल हो, तो वह अपराध की श्रेणी में आता है।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में भी प्रावधान है कि यदि किसी की तस्वीर या निजी गतिविधि को उसकी अनुमति के बिना रिकॉर्ड करना या प्रसारित करना, जुर्म है। ऐसे में तीन साल की सजा या दो लाख रुपए तक का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं हो सकती है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में भी प्रावधान है कि यदि होटल की लापरवाही के कारण ग्राहक की निजता भंग होती है, तो उसे सेवा में कमी माना जा सकता है और उपभोक्ता फोरम में मुआवजे की मांग की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार निजता एक मौलिक अधिकार है। यदि होटल की डिजायन, खिड़की या सीसीटीवी से यह अधिकार प्रभावित होता है, तो व्यक्ति मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत कर सकता है।
स्थानीय निकायों के भवन नियमों में भी प्रावधान है कि यदि होटल की खिड़की या शीशा ऐसा बनाया गया है, जिससे दूसरे कमरे, गली, सड़क या भवन में सीधा दृश्य जाता है, तो वह नियमों के विरूद्ध हो सकता है। नगर निगम या नगर विकास प्राधिकरण में शिकायत की जा सकती है। इस संबंध में दैनिक नवज्योति ने होलिडे इन के जनरल मैनेजर पुनीत शर्मा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। हमें बताया गया कि वह बीमार है और अस्पताल में भर्ती है।
इस घटना के तथ्यों की जांच के बाद ही वीडियो रिकॉर्ड करने और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. रामेश्वर सिंह, अतिरिक्त आयुक्त कानून-व्यवस्था, पुलिस आयुक्तालय जयपुर
किसी भी होटल के कमरे से अगर किसी की निजता भंग होती है, तो बहुत गंभीर बात है। समाज को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और चलते फिरते लो लोग हर किसी का वीडियो बनाते हैं, उनकी भर्त्सना भी करनी चाहिए। होटल होलिडे इन की घटना की मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनर्रावृत्ति नहीं हो, एसोसिएशन की ओर से होटल प्रबंधकों को सावचेत किया जाएगा।
-तरुण बंसल, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान
यदि कपल ने जानबूझकर ऐसा किया है, तो वह भी दोषी है अन्यथा वीडियो बनाकर उसे वायरल करने वाले लोगों कार्रवाई होनी चाहिए।
-विपुल शर्मा, अधिवक्ता

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