राजस्थान कांग्रेस में 70 साल से ज्यादा वाले नेताओं का नहीं छूट रहा चुनाव लड़ने का मोह, 4 कांग्रेस  विधायकों की उम्र 80 पार

अनुभवी नेताओं का 50-50 प्रतिशत का क्राइटेरिया बना लेकिन लागू नहीं हुआ

राजस्थान कांग्रेस में 70 साल से ज्यादा वाले नेताओं का नहीं छूट रहा चुनाव लड़ने का मोह, 4 कांग्रेस  विधायकों की उम्र 80 पार

राजस्थान कांग्रेस में 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं के चुनाव लड़ने के मोह को लेकर हाल के वर्षों में काफी चर्चा रही है

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं के चुनाव लड़ने के मोह को लेकर हाल के वर्षों में काफी चर्चा रही है। 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस में उम्र को लेकर बहस छिड़ी थी, खासकर उदयपुर के चिंतन शिविर में, जहां युवाओं को अधिक टिकट देने का फार्मूला तैयार किया गया था। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस दिशा में कदम उठाए,वंही हाल ही में पूर्व मंत्री डॉ सीपी जोशी के बयान ने उम्रदराज नेताओं के चुनाव लड़ने पर नई चर्चा छेड़ दी है। वंही, दूसरी पंक्ति के नेताओं को इंतज़ार करना पड़ रहा है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने हाल ही में 75 वर्ष की आयु में स्वयं को जवान बताकर कांग्रेस की सियासत में नई बहस छेड़ दी। क्योंकि,मौजूदा कांग्रेस विधायक दल में 13 विधायक ऐसे जो 70 की उम्र के पार हैं। पार्टी के कई वयोवृद्ध नेता साल 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। 75 साल की उम्र पार कर चुके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने हाल ही में स्वयं को जवान बताते हुए अगला चुनाव लड़ने की घोषणा कर कांग्रेस की सियासत में नई बहस छेड़ दी है।

गुरुवार को ही राजसमंद में कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली के दौरान सीपी जोशी ने खुद को 75 साल की उम्र में जवान बताते हुए अगला चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही कांग्रेस के सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चा चल पड़ी है। सीपी जोशी के इस बयान ने उन वयोवृद्ध कांग्रेस नेताओं में भी जोश भर दिया है जिनके अगला विधानसभा चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ था। वहीं इस मामले में संगरिया से कांग्रेस विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया का कहना है कि राहुल गांधी हमेशा युवाओं को आगे बढ़ाने की बात कहते हैं, वो कहते हैं कि 50 फीसदी  युवाओं को निकाय, पंचायत, असेंबली और लोकसभा में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए लेकिन अगर 75 वर्ष की उम्र पार के युवाओं को ही टिकट मिलते रहेंगे तो फिर युवा कहां जाएंगे। इसलिए पार्टी को चाहिए कि 75 साल की उम्र पार के नेताओं को विश्राम दिया जाए और उनकी जगह दूसरी पंक्ति के नेताओं को आगे बढ़ाया जाए। पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि इस पर तो पार्टी को फैसला लेना चाहिए कि 75 साल की उम्र पार के नेताओं को चुनाव लड़ाया जाए या नहीं, हालांकि अगर कोई 75 साल की उम्र में भी चुनाव जीत रहा है तो उन्हें फिर से मौका देना चाहिए।

चार कांग्रेस विधायकों की उम्र 80 पार
 मौजूदा कांग्रेस विधायक दल में चार विधायक 80 साल की उम्र के पार हैं. इनमें सबसे वयोवृद्ध दीपचंद खेरिया 84 वर्ष के हैं। बूंदी से विधायक हरिमोहन शर्मा 83 वर्ष, पूर्व मंत्री और कोटा उत्तर से विधायक शांति धारीवाल करीब 82 वर्ष और खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार 80 साल के हो चुके हैं। इसके अलावा राजेंद्र पारीक 77 वर्ष, अशोक गहलोत 74, वर्ष हरेंद्र मिर्धा 76 वर्ष, सुरेश मोदी 74, लक्ष्मण मीणा 75 वर्ष, भीमराज पार्टी 78 वर्ष, श्रवण कुमार 71 और सीएल प्रेमी 71 वर्ष के हो चुके हैं। चर्चा है कि विधानसभा चुनाव हार चुके पार्टी के कई वयोवृद्ध नेता ऐसे भी हैं  जो अगला विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इनमें से सीपी जोशी 75 वर्ष, हेमाराम चौधरी 77 वर्ष, बीडी कल्ला 75 वर्ष, विनोद लीलावली 76 वर्ष और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत 74 वर्ष हैं। वंही पार्टी में उदयपुर चिंतन शिविर में युवा और अनुभवी नेताओं का 50-50 प्रतिशत का क्राइटेरिया बना लेकिन लागू नहीं हुआ। साल 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले क्राइटेरिया बनाया था और उनकी जगह उनके परिवार से किसी को टिकट देने की बात हुई थी लेकिन यह क्राइटेरिया विधानसभा चुनाव की टिकट वितरण के दौरान लागू नहीं हो पाया और 75 वर्ष की उम्र पर के नेताओं को भी टिकट दिया था।

तब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी क्राइटेरिया को लेकर कहा था कि उम्र का कोई क्राइटेरिया नहीं है। अगर कोई 75 साल की उम्र में भी चुनाव जीतने की स्थिति में है तो उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।

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