CM गहलोत ने किया IPD टॉवर और कार्डियक सेंटर का शिलान्यास
राज्य के कई मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधियों के साथ ही बड़ी संख्या में चिकित्सा जगत के लोग रहे मौजूद
SMS का लोड कम करने के लिए खोलेंगे 4 सेटेलाइट हॉस्पिटल
जयपुर। एसएमएस हॉस्पिटल में बनाए जाने वाले आईपीडी ब्लॉक का मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिलान्यास किया। इस मौके पर आए देश के जाने-माने डॉक्टर्स ने देश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने देश में ज्यादा से ज्यादा मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खोलने की भी बात कही। वहीं लोगों में हेल्थ से जुड़ी जानकारी बचपन से ही मिले इसके लिए प्राथमिक शिक्षा से ही हेल्थ एज्युकेशन को कोर्स में जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से आईपीडी टॉवर की नींव रखने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में आज हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर देश के सभी राज्यों से बेहतर है। हम जल्द ही विधानसभा में राइट टू हेल्थ का कानून भी लाने वाले है, ताकि लोगों को हेल्थ के प्रति सोशल सिक्योरिटी मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बच्चे बचपन से ही हेल्थ के प्रति अवेयर रहे इसके लिए हम ऐसा सिस्टम डवलप करने का प्रयास कर रहे है, जिससे मेडिकल से जुड़ी जरूरी जानकारियों को एज्युकेशन में प्राथमिक कक्षा से ही मिल सके।
SMS का लोड कम करने के लिए खोलेंगे चार सेटेलाइट हॉस्पिटल
गहलोत ने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि इस समय एसएमएस हॉस्पिटल पर मरीजों का दबाव है और ये बढ़ता जा रहा है। इस दबाव को कम करने के लिए हमने जिले के चारो बाहरी इलाकों में 4 सैटेलाइट हॉस्पिटल खोलने की योजना बना रहे है। ताकि ग्रामीण अंचल से आने वाले मरीज वहीं इलाज करवाकर लौट जाए। इसके लिए हमने 100 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।
डॉ. पॉल का सुझाव, सिलिकोसिस मरीजों के लिए बने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
कार्यक्रम में आए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के पॉल ने मंच से सरकार को कई अहम सुझाव दिए। इसमें सबसे मुख्य सिलिकोसिस मरीजों के लिए आईपीडी टॉवर में ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डिपार्टमेंट खोलने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस बीमारी से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे है और सरकार ने इस बीमारी के लिए पहले से ही पॉलिसी बना रखी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा हम हेल्थ सेक्टर को बढ़ावा देंगे देश उतना ही मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई नियम और शर्तो को कम कर दिया है। ऐसे में सरकार और मेडिकल सेक्टर से जुड़े लोगों का प्रयास रहना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले।
ये भी रहे मौजूद:
कार्यक्रम में मंत्री शान्ति धारीवाल, मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, डॉ, रणदीप गुलेरिया, डॉ शिव सरीन, डॉ नरेश त्रेहान ने भी संबोधित किया।
मीडिया से बातचीत में ये बोले गहलोत:
राजस्थान पूरा देश में सबसे बड़ा प्रदेश हो गया है, भौगोलिक दृष्टि से भी, पानी तो एक पर्सेंट ही है यहां पर, परंतु भू-भाग जो है वो 10 पर्सेंट है देश का, आबादी साढ़े पांच पर्सेंट है, लोग ढाणियों में गांव में रहते हैं तो इतने बड़े प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं की टॉप प्रायोरिटी रहनी चाहिए, दूर-दूर से लोग आते हैं, पैसा नहीं होता है, उधार लेकर खर्च करते हैं, टॉप प्रायोरिटी पर रखा है स्वास्थ्य सेवाओं को हम लोगों ने, इसलिए आप देख लीजिए की जो प्रोविजन किया गया है, उसके अंदर मैंने प्रोविजन बजट का देख लीजिए करीब 7.6 पर्सेंट किया है, जबकि ऐवरेज राज्यों में 6 पर्सेंट है। तो सब तरीके से हम चाहते हैं कि यहां पर एजुकेशन भी अच्छी हो स्वास्थ्य सेवाओं की, निरोगी राजस्थान का कंसेप्ट है वो Prevention of Medicine, मेडिसिन लेने की जरूरत ही नहीं पड़े, नौबत ही नहीं आए, उसके प्रोटोकॉल को आगे बढ़ाना चाहते हैं हम लोग। इसलिए हम चाहते हैं कि शिक्षा बचपन से ही मिलने लगे बच्चों को मेडिकल के संबंध में, जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाएगा, पाठ्यक्रम बदलता जाएगा। तो तमाम तरह से कोशिश कर रहे हैं, इसलिए आईपीडी टावर, हेल्थ इंस्टीट्यूट, बायोलॉजी लैब, जो जो इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं हैवी इन्वेस्टमेंट हो रहा है और मैं चाहूंगा कि राजस्थान की जनता साथ दे रही है और हम चाहेंगे गांव तक सब सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स, सब जगह उनको सुविधा मिले, यह हमारा प्रयास है, उसमें हम कामयाब होंगे।
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