जयपुर के शख्स ने बनाया टाइटैनिक, 12 लाख की लागत से 6 साल में कड़ी मेहनत से तैयार
सेल्फी पॉइंस जैसी सुविधाएं जोड़ी
गुलाबी नगरी जयपुर का एक शख्स इन दिनों चर्चा में। अपनी कल्पनाशक्ति, जुनून और मेहनत से ऐसा अनोखा काम कर दिखाया। जयपुर निवासी पारीक मंसूरी ने प्रसिद्ध टाइटैनिक जहाज की भव्य प्रतिकृति ई-रिक्शा में तैयार की।छह साल का लंबा वक्त लगा। कड़ी मेहनत और 12 लाख रुपए की लागत से बनी यह संरचना कांच सहित अन्य चीजों से निर्मित। सेल्फी पॉइंस जैसी सुविधाएं जोड़ी गई। इसका नाम टाइटैनिक ग्लास पैलेस रखा।
जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर का एक शख्स इन दिनों चर्चा में है, जिसने अपनी कल्पनाशक्ति, जुनून और मेहनत से ऐसा अनोखा काम कर दिखाया है, जो अब शहर के पर्यटन को एक नई दिशा देने जा रहा है। जयपुर निवासी पारीक मंसूरी ने प्रसिद्ध टाइटैनिक जहाज की भव्य प्रतिकृति ई-रिक्शा में तैयार की है। इसको बनाने में इनको करीब छह साल का लंबा वक्त लगा है। करीब छह साल की कड़ी मेहनत और 12 लाख रुपए की लागत से बनी यह संरचना कांच सहित अन्य चीजों से निर्मित है। इस टाइटैनिक के अंदर शीश महल बनाया है। इसकी बनावट और डिजाइन इतनी बारीकी से तैयार की गई है, कि देखने वाले इसे देखकर असली टाइटैनिक जहाज का अहसास करते हुए नजर आएंगे।
सेल्फी पॉइंस जैसी सुविधाएं जोड़ी
इस मिनी टाइटैनिक में सेल्फी पॉइंस जैसी सुविधाएं जोड़ी गई हैं, ताकि पर्यटकयहां केवल देखने ही नहीं, बल्कि अनुभव करने भी आएं। पारीक ने बताया कि उनका मकसद जयपुर में एक ऐसा पर्यटन चीज तैयार करना था, जिससे लोग कुछ डिफरेंट अनुभव प्राप्त कर सके। जहां लोग इतिहास और आधुनिकता के मेल को महसूस कर सकें।
रचनात्मकता की कोई कमी नहीं
मंसूरी ने बताया कि जयपुर की पहचान सिर्फ हवामहल और आमेर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमारे पास रचनात्मकता की कोई कमी नहीं है। मैं चाहता हूं कि पर्यटक जब जयपुर आएं तो उन्हें कुछ नया और अनोखा देखने को मिले, जो उन्हें बार-बार यहां लौटने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने आगे बताया कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी समय लगा। इसका नाम टाइटैनिक ग्लास पैलेस रखा है। जयपुर का यह टाइटैनिक अब शहर की नई पहचान बनेगा, जहां पारंपरिक राजस्थान की आत्मा और आधुनिक नवाचार का संगम पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करेगा। मंसूरी पेशे से ऑटो चलाता है।

Comment List