जेकेके का आठ करोड़ और मंच का करीब 10 करोड़ रुपए से होगा जीर्णोद्धार कार्य
कलाकारों के लिए अच्छी खबर, जेकेके और रवीन्द्र मंच होंगे हाईटेक
ज्यादा बजट मिले तो सुधरे जयपुर कथक केन्द्र की दशा कलाकरों ने कहा-एक स्वतंत्र सांस्कृतिक निगरानी समिति बने
जयपुर। जयपुर के जवाहर कला केन्द्र, रवीन्द्र मंच और जयपुर कथक केन्द्र में हर साल हजारों की संख्या में कलाकार अपने करियर को पंख लगाते हुए नजर आते हैं। इन कला संस्थाओं को सरकार की तरफ से करोड़ों का बजट संस्थाओं के सभागार, थिएटर हॉल, शिल्पग्राम, पुस्तकालय, आर्ट गैलरी, कैफेटेरिया जैसी सुविधाओं के बेहतर रख-रखाब, रिनोवेशन कार्य सहित अन्य चीजों के लिए मिलते हैं, लेकिन बजट मिलने में देरी व कम मिलने के कारण इन संस्थाओं पर सही ढंग से ध्यान नहीं दे पाने के कारण कलाकारों को कई तरह की समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। बात की जाए जयपुर कथक केन्द्र की तो हालत बेहद खराब है। यहां पर बजट बेहद कम मिलने की वजह से इसके रख-रखाब पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
आठ करोड़ से जेकेके की रौनक होगी दोगुनी
हाल ही में सरकार की ओर से जेकेके के लिए आठ करोड़ का आवंटित बजट देने का प्लान बनाया है। इस बजट से विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड, डिजिटल लाइब्रेरी, एलईडी होर्डिंग्स सहित अन्य चीजों सहित जेकेके को हाइटेक करने का प्लान चल रहा है। इससे कला-कलाकारों को नियमित मंच के साथ कलाएं और क्राफ्ट जीवित और संरक्षित रखने में भरपूर मदद मिलेगी। इन कार्यों से केन्द्र की रौनक दोगुनी हो जाएगी। साथ ही शिल्पग्राम को क्राफ्ट बाजार के रूप में विकसित करने के प्रपोजल पर कार्य जारी है।
10 करोड़ से संवरेगा रवींद्र मंच आधुनिक रूप लेगा ऑडिटोरियम
रवींद्र मंच का स्वरूप संवारने के लिए करीब 10 करोड़ रुपए खर्च कर इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए रवींद्र मंच प्रशासन ने बजट स्वीकृति के लिए संस्कृति मंत्रालय, केंद्र सरकार को फाइल भेज दी है। केंद्र से स्वीकृति मिलते ही इसे जवाहर कला केन्द्र की तर्ज पर विकसित करने का काम शुरू होगा। अधिकारियों के अनुसार, पहले फेज में रवींद्र मंच पर डेवलपमेंट का काम होगा। इसमें मुख्य ऑडिटोरियम का रिनोवेशन किया जाएगा। मंच की छत, साउंड सिस्टम, लाइटिंग और तकनीकी संरचनाओं को पूरी तरह आधुनिक बनाया जाएगा। इसके बाद अन्य ऑडिटोरियम का रिनोवेशन होगा। नए टॉयलेट बनाए जाएंगे। बाहर का फसाड़ वर्क होगा। जानकारी के अनुसार इसमें केन्द्र सरकार का अंशदान करीब 6 करोड़ रुपए और राज्य सरकार करीब 4 करोड़ देगी।
कम बजट की बजह से केन्द्र तरस रहा है जीर्णोद्धार कार्य के लिए
जयपुर कथक केन्द्र में बजट कम मिलने की वजह से इसके जीर्णोद्धार, रंग रोगन, नए साज और उपकरण, लाइब्रेरी, सीसीटीवी कैमरा और स्मार्ट क्लास, नियमित फैकल्टी पर उचित कार्य नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार अभी मिले बजट कर्मचारियों की सैलरी सहित अन्य जरूरी चीजों में काम आ गया। केन्द्र के जीर्णोद्धार के लिए अभी 50 लाख रुपए की डिमांड की है। केन्द्र को जेकेके की तर्ज पर बजट मिले तब इसकी हालात सही हो सकेगी।
केंद्र के तकनीकी विकास पर ध्यान दिया जाएगा। लोग केंद्र से जुड़े और आवाजाही बढ़े इसके लिए नवाचार किए जा रहे हैं।
-अलका मीणा
(अति. महानिदेशक-जेकेके)
जेकेके में एक स्वतंत्र सांस्कृतिक निगरानी समिति गठित हो जो हर निर्णय और चयन प्रक्रिया की समीक्षा करें। पोर्टल पर सम्पूर्ण डेटा सार्वजनिक किया जाए, जिसमें चयनित कलाकारों की सूची, बजट वितरण, कार्यशालाओं की रिपोर्ट इत्यादि।
ओम प्रकाश सैनी
(सीनियर कलाकार)
करीब दस करोड़ के बजट में रवीन्द्र मंच के मुख्य सभागार, मंच की छत, साउंड सिस्टम, नए टॉयलेट, सभागार सहित अन्य के रिनोवेशन कार्य किया जाएगा।
-प्रियंका राठौड़,
प्रबंधक रवीन्द्र मंच
रवीन्द्र मंच के सभागार में मंच सज्जा की कोई किसी प्रकार की प्रॉपर्टीज नहीं है। वहीं मिनी थिएटर स्थिति खराब है। बॉथरूम के दरवाजे टूटे होने की वजह से महिला कलाकारों कों परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है।
के.के. कोहली (सीनियर आर्टिस्ट)
केन्द्र जीर्णोद्धार के लिए अभी 50 लाख रुपए की डिमांड की है। हाल ही मिले करीब एक करोड़ रुपए जरूरी चीजों में ही खर्च हो गए। इसके लिए वर्कशॉप, विभिन्न एक्टिविटीज के लिए अलग से बजट मिलना चाहिए। कथक केंद्र को जीर्णोद्धार, रंग रोगन, नए साज और उपकरण, लाइब्रेरी, सीसीटीवी कैमरा और स्मार्ट क्लास, नियमित फैकल्टी के लिए बजट चाहिए।
-श्रुति शर्मा
(कथक केन्द्र की सचिव)
केन्द्र के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ ही वॉशरूम, विद्यार्थियों के लिए लॉकर, पंखे, कूलर, सभागार का जीर्णोद्धार जैसी चीजों पर ध्यान देना चाहिए। इन असुविधाओं की वजह से विद्यार्थियों को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
-आराध्या (कथक स्टूडेंट)

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