जयपुर में 75 फीसदी से अधिक ई-रिक्शे अनफिट : अधिकतर चालकों के पास नहीं है ड्राइविंग लाइसेंस, विधानसभा में पेश आंकड़ों से हुआ खुलासा
नियम तोड़े जाने के बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं
नगर निगम को ई-रिक्शों के लिए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जयपुर। राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे ई-रिक्शे अब शहर के लिए समस्या बनते जा रहे हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जयपुर शहर में करीब 40 हजार ई-रिक्शे पंजीकृत हैं। इनमें से 75 फीसदी से अधिक यानी 29 हजार 894 रिक्शों की फिटनेस अवधि समाप्त हो चुकी है। फिटनेस केवल दो साल के लिए मान्य होती है और इसके बाद वाहन मालिक को इसे नवीनीकृत कराना अनिवार्य होता है, लेकिन अधिकांश ई-रिक्शा चालक इस नियम की अनदेखी कर रहे हैं।
एक साल पहले जोन निर्धारित
करीब एक साल पहले जिला कलेक्टर की ओर से ई-रिक्शों के संचालन के लिए जोनवार अधिसूचना जारी की गई थी। इसके बाद आरटीओ ने जोन भी निर्धारित कर दिए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका पालन नदारद है। नतीजतन बिना फिटनेस और अक्सर बिना लाइसेंस वाले चालकों के वाहन सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अधिकांश ई-रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है।
जमीन भी उपलब्ध नहीं:
नगर निगम को ई-रिक्शों के लिए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नियम तोड़े जाने के बावजूद ई-रिक्शों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे में यातायात व्यवस्था और आमजन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सड़क सुरक्षा के तहत सड़क हादसे रोकने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते है। बिना फिटनेस के चलते रहे ई-रिक्शा पर कार्रवाई के लिए जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही इन्हें नोटिस भी दिए जाएंगे।
राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथमु

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