थप्पड़ कांड में मिली राहत : समरावता उपद्रव प्रकरण में नरेश मीणा को जमानत नहीं
केस की परिस्थितितियों में कोई बदलाव नहीं
याचिका में कहा गया कि मामले की एफआईआर में नामजद आरोपियों में से 23 लोगों को पुलिस ने क्लीन चिट दी है।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद समरावता में हुए उपद्रव प्रकरण में आरोपी नरेश मीणा को जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश नरेश मीणा की द्वितीय जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिए। दूसरी ओर जस्टिस अनिल उपमन ने थप्पड़ कांड में मीणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस प्रवीर भटनागर ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत ने गत 14 फरवरी को याचिकाकर्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद केस की परिस्थितितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में पुन: उन्हीं तथ्यों के आधार पर जमानत देना उचित नहीं है।
याचिका में कहा गया कि मामले की एफआईआर में नामजद आरोपियों में से 23 लोगों को पुलिस ने क्लीन चिट दी है। जबकि अदालत के समक्ष पूर्व में उनकी मामले में लिप्तता बताई गई थी और अदालत ने उन सभी को जमानत का लाभ दिया था। मामले में एसटी आयोग की जांच में भी पुलिस पर आरोप लगे हैं। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से एजी राजेश चौधरी ने कहा कि अदालत ने आरोपी की गत 14 फरवरी को जमानत याचिका खारिज की थी। उसके बाद आरोप पत्र पेश होने के बाद आरोपी पर चार्ज नहीं लगे हैं। ऐसे में जमानत याचिका को खारिज किया जाए।

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