दो चिकित्सकों के भरोसे सवा लाख मरीजों का स्वास्थ्य
सीएचसी चौमहला के हाल बेहाल, सोनोग्राफी मशीन पांच साल से बंद
एक चिकित्सक के सरकारी काम से इधर-उधर जाने से एक ही चिकित्सक पर मरीजों का भार रहता है।
चौमहला। चौमहला क्षेत्र के 116 गांवों के करीब सवा लाख लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने वाला चौमहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे चल रहा है। चिकित्सालय में स्वास्थ सेवाओं सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां सोनोग्राफी, ईसीजी की जांच मशीनें खराब पड़ी हुई हंै। मजबूरन लोगों को जांच बाहर करवानी पड़ रही है। प्राइवेट लैब वाले मरीजों से मनमाने दाम वसूल कर रहे हैं।चिकित्सालय में महिला चिकित्सक सहित विशेषज्ञ चिकित्सक सहित अन्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। कस्बे के बाशिन्दों द्वारा चिकित्सालय को 30 बेड की बजाय 50 बेड का करने की मांग भी की जा रही है। 30 बेड की क्षमता वाले इस चिकित्सालय में महिला चिकित्सक सहित कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी, कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन, सोनोग्राफी चिकित्सक, डेंटल चिकित्सक का पद रिक्त है। महिला चिकित्सक का पद रिक्त होने से महिलाओं को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी निकटवर्ती मध्यप्रदेश के चिकित्सालय में जाना पड़ रहा है। महिला चिकित्सक के अभाव में प्रसव के दौरान स्थिति बिगड़ने पर प्रसूताओं को मजबूरन जिला चिकित्सालय झालावाड़ या भवानीमंडी, मध्यप्रदेश के नागदा, मन्दसौर, उज्जैन की ओर रुख करना पड़ता है। यहां डेंटल चिकित्सक का पद भी रिक्त है। जबकि अस्पताल में डेंटल की आधुनिक मशीन भी लगी हुई है। चिकित्सालय में चार मेल नर्स, चार वार्ड बॉय के पद रिक्त हैं।
मौसमी बीमारियों का प्रकोप, बढ़े मरीज
इन दिनों मौसमी बीमारियों के चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मंगलवार को अस्पताल में मरीजों की खासी भीड़ रही। अस्पताल में दो चिकित्सकों की नियुक्ति है। लेकिन एक चिकित्सक के सरकारी काम से इधर-उधर जाने से एक ही चिकित्सक पर मरीजों का भार रहता है।
पांच साल से सोनोग्राफी मशीन बन्द
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौमहला में विगत पांच साल से सोनोग्राफी नहीं हो रही है। यह मशीन पांच साल से खराब पड़ी हुई है। मशीन खराब होने के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में 200 रुपए में सोनाग्राफी हो जाती है। जबकि निजी चिकित्सक मनमाने दाम वसूल कर रहे हैं।
चिकित्सालय में महिला चिकित्सक के नहीं होने से छोटी-छोटी बीमारियों के लिए महिलाओं को बाहर जाना पड़ता है। जिस कारण काफी समय व धन बरबाद होता है। यहां महिला चिकित्सक की शीघ्र नियुक्ति हो।
- गुणमाला पिछोलिया, समाजसेवी
चिकित्सालय में महिला चिकित्सक नही होंने से महिलाओं को परेशानी होती है। पुरुष चिकित्सक को महिला शर्म के कारण अपनी बीमारी ठीक से नहीं बता पाती। अस्पताल में महिला डॉक्टर होना चाहिए। सोनाग्राफी आदि जांचें शुरू होनी चाहिएं।
- प्रेमलता अशोक भंडारी, सरपंच, चौमहला
चौमहला प्रमुख व्यापारिक मंडी है। बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से यह अस्पताल 50 बेड क्षमता का होना चाहिए। सभी जांच सुविधाएं अस्पताल में होनी चाहिएं। रिक्त पदों पर चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए।
- पवन पिछोलिया, अध्यक्ष, खाद्य एवं किराना व्यापार संघ, चौमहला
क्षेत्र का यह बड़ा चिकित्सालय है। यहां महिला चिकित्सक सहित विशेषज्ञ चिकित्सक भी होना चाहिए। अस्पताल को क्रमोन्नत कर 50 बेड क्षमता का करना चाहिए।
- सुरेन्द्र कालरा, अध्यक्ष, रेडीमेड कपड़ा व्यापार संघ
चौमहला चिकित्सालय में महिला चिकित्सक सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। सोनाग्राफी चिकित्सक की उपलब्धता होते ही सोनोग्राफी शुरू करवा दी जाएगी।
- डॉ. विकास जैन, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ,चौमहला
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