एक अनार तीन कोचिंग संस्थान बीमार : इंडिया लेवल पर थर्ड रैंक वाले स्टूडेंट को अपना बताने का तीन कोचिंग संस्थान कर रहे दावा
श्री चैतन्य अकेडमी व नारायणा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बता रहे अपना
भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग शिक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2024 में कोचिंग केन्द्रों के लिए गाइड लाइन जारी की थी।
कोटा। एक अनार सौ बीमार, यह कहावत राज्य के बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट के मामलों में सही साबित हो रही है। जेईई एडवांस और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉपर्स की सूची में स्थान बनाने वाले स्टूडेंट्स को अपनी कोचिंग का स्टूडेंट बताने की कोचिंग संस्थानों में मानो होड़ लग जाती है। साम, दाम दण्ड भेद किसी भी तरह की युक्ति से कोचिंग संस्थान टॉपर स्टूडेंट को अपनी कोचिंग का स्टूडेंट बताने की कोशिश करते हैं। जिससे भविष्य में कोचिंग की फीस की फसल को वह और ज्यादा काट सकें। ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है।
दरअसल हाल ही जारी जेईई एडवांस-2025 के रिजल्ट में आल इंडिया थर्ड रैंक पाने वाले छात्र मजीद मुजाहिद हुसैन को तीन तीन कोचिंग संस्थान फिजिक्सवाला, श्री चैतन्य अकेडमी व नारायणा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अपना स्टूडेंट होने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं इन कोचिंग संस्थानों ने बड़े-बड़े विज्ञापन देकर, होर्डिंग लगाकर इस स्टूडेंट को अपने कोचिंग संस्थान का होने का बताया है।
इन इंस्टीट्यूट ने यह दावा कहीं भी नहीं किया कि अमुख स्टूडेंट क्लॉस रूम स्टूडेंट है, ऑन लाइन स्टूडेंट है या केवल टेस्ट सिरीज खरीदने वाला स्टूडेंट है। यह सवाल उठता है कि एक ही स्टूडेंट तीन-तीन कोचिंग संस्थानों में एक साथ कैसे पढ़ सकता है? एक स्टूडेंट की उपलब्धि को तीन तीन कोचिंग संस्थान अपनी उपलब्धि कैसे बता सकते हैं। कोचिंग संस्थान सरेआम अन्य छात्रों और उनके परिजनों को भ्रमित कर रहे हैं।
बढ़ती आत्महत्या का कारण भी यही
जब स्टूडेंट अच्छी रैंक पाता है तो कोचिंग संस्थान उसे अपना स्टूडेंट बताने को बड़े बड़े दावे करता है। लेकिन उस स्टूडेंट के साथ किसी तरह की अनहोनी होने पर तुरन्त कोचिंग संस्थान उससे दूर दूर तक नाता नहीं रखते। उसे अपने संस्थान से जुड़े होने से इनकार कर देते हैं। दरअसल कई कोचिंग संस्थान स्टूडेंट से फीस की फसल काटने को ऐसा करते हैं। इस बहाने से कोचिंग संस्थान उन्हें सफलता का सपना दिखाते हैं। ऐसे संस्थान भ्रामक पब्लिसिटी का सहारा लेकर स्टूडेंट और अभिभावक को अपने जाल में फंसाते हैं। इसी जाल में स्टूडेंट और अभिभावक फंस जाते हैं। जब बच्चा अपने सपने पूरे होते नहीं देखता है तो वह निराश हो जाता है और कई बार आत्महत्या जैसा गलत कदम उठा लेता है।
उच्चतर शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों की अवहेलना
भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग शिक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2024 में कोचिंग केन्द्रों के लिए गाइड लाइन जारी की थी। इस गाइड लाइन में स्पष्ट लिखा है कि कोचिंग संस्थान वहां पढ़ने वाले छात्र की ओर से प्राप्त परिणाम के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी दावे से संबंधित भ्रामक विज्ञापन को प्रकाशित नहीं करेगा। या प्रकाशित करने का कारण नहीं बनेगा। इसके बावजूद कोचिंग संस्थान बेखौफ अपने दावे कर रहे हैं और स्टूडेंट व अभिभावकों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। भ्रामक पब्लिसिटी को लेकर गाइड लाइन में स्पष्ट कहा गया है कि भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। पहली बार अपराध करने पर 25 हजार रुपए, दूसरी बार अपराध करने पर एक लाख रुपए जुर्माना और तीसरी बार अपराध करने पर कोचिंग संस्थान का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
हुसैन को अपना बताने वाले तीनों संस्थान क्या कहते हैं
हम तो एक साल से आए हैं। मुजाहिद हुसैन के मामले की मुझे जानकारी नहीं है। दरअसल स्टूडेंट टेस्ट सिरीज, या ऑन लाइन प्रोग्राम ले लेते हैं। ऐसे स्टूडेंट को कोचिंग अपना स्टूडेंट बता देते हैं। ऐसा होता आ रहा है। ज्यादा मुझे जानकारी नहीं है।
-करणवीर सिंह ब्रांच मैनेजर
श्री चैतन्य अकेडमी जयपुर
सामान्यतया बच्चे मल्टीपल इंस्टीट्यूट से कोर्स सिरीज वगैरह ले लेते हैं। कुछ टेस्ट सिरीज लेते हैं कुछ क्लास ज्वॉइन करते हैं। हमारे यहां यह स्टूडेंट स्कूल इंटीग्रेटेड प्रोग्राम में था। अन्य इंस्टीट्यूट की मुझे जानकारी नहीं है।
-अभिषेक सिंह मीडिया कोर्डिनेटर नारायणा इंस्टीट्यूट जयपुर
फिजिक्सवाला की कोरपोरेट क्म्यूनिकेशन इंचार्ज अलफिया ने कोई जवाब नहीं दिया, जबकि स्थानीय ब्रांच हैड ने बताया कि मुजाहिद हुसैन ने दो वर्ष तक ऑन लाइट प्रोग्राम के तहत हमारे यहां से पढ़ाई की है।
-दिनेश जैन ब्रांच हैड
फिजिक्सवाला कोटा
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