असर खबर का - स्कूली शिक्षा में कोटा प्रदेश में दूसरे नम्बर पर आया
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जारी की रैंकिंग
सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन मिलने को लेकर दैनिक नवज्योति ने लगातार अभियान चलाया।
कोटा। शिक्षा नगरी के लिए खुशखबरी है। स्कूली शिक्षा में कोटा प्रदेश में दूसरे नम्बर पर रहा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गई रैंकिंग में कोटा 50.91 अंक हासिल कर राज्य में दूसरे पायदान पर अपना स्थान बनाने में कामयाब हुआ। जबकि, राजधानी जयपुर अपनी रैंकिंग संभाल नहीं पाया और 26वें नम्बर पर पहुंच गया। वहीं, 55 अंकों के साथ चुरू प्रदेश में अव्वल रहा। इधर, भीलवाड़ा 49.96 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। गौरतलब है कि दैनिक नवज्योति ने सरकारी विद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन को लेकर अभियान चलाया था। जिसके बाद शिक्षा अधिकारियों ने शैक्षणिक व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास किए और व्यवस्थाओं को लेकर लगातार मॉनिटरिंग की। जिसकी बदौलत जिले को यह उपलब्धि हासिल हुई।
12 पैरामीटर पर आंका मूल्यांकन
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के मूल्यांकन के लिए 12 तरह के पैरामीटर तय किए थे। जिसकी कसौठी पर ही विद्यालयों का शैक्षणिक स्तर परखा गया। बता दें, हर माह शिक्षा विभाग को स्कूलों से जुड़ी हर जानकारी शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। जिसके आधार पर मूल्यांकन कर रैंकिंग जारी की जाती है।
यह हैं पैरामीटर
- जिले के प्रत्येक स्कूलों में कितने विद्यार्थियों ने इंसपायर अवॉर्ड, एसटीएसई,एनटीएसई, इंदिरा प्रियदर्शनी, गार्गी पुरस्कार, साइंस एग्जिबिशन, कल्चर आटर्् फेस्टिवल, एनएमएस योजना में कितना स्कोर किया। इसके 10 नम्बर थे।
- गत माह में कुल नामांकनों की संख्या में विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति का प्रतिशत।
- वर्तमान माह में विद्यार्थियों को पुस्तकालय की पुस्तकों का वितरण करने वाले विद्यालयों का प्रतिशत।
- कुल नामांकन में कितने प्रतिशत विद्यार्थियों की वृद्धि हुई।
- जिले में उजियारी पंचायतों का प्रतिशत क्या रहा।
- कितने प्रतिशत विद्यार्थियों का जनाधार प्रमाणीकरण हो गया।
- ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से प्राप्त राशि पर आधारित अंक।
- पीटीएम में अभिभावकों की उपस्थिति ।
- एसएमसी, एसडीएमसी बैठक आयोजित करने वाले विद्यालयों का प्रतिशत।
- आईसीटी लैब, स्मार्ट कक्षा-कक्ष युक्त विद्यालयों का प्रतिशत
- क्या विद्यालयों में खेल मैदान विकसित है तथा उपयोग में लिया जा रहा है। सहित कई पैरामीटर पर जिलों को रैंकिंग दी गई।
11वें से 2 नम्बर पर पहुंचा कोटा
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान शिक्षा परिषद द्वारा यह रैंकिंग प्रतिमाह जारी की जाती है। नवम्बर में जिला 9वें तथा आॅक्टूबर में 11वें नम्बर था। शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी रैंकिंग सुधार में जुटे रहे और अथक प्रयासों के बाद दिसम्बर में कोटा सबको पछाड़ते हुए दूसरे नम्बर पर अपना स्थान बनाया।
नवज्योति ने चलाया अभियान
सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन मिलने को लेकर दैनिक नवज्योति ने लगातार अभियान चलाया। वहीं, भौतिक साधन-संधान व शाला भवनों की जर्जर हालातों से रुबरू करवाकर ज्वलंत मुद्दे पर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया और प्रदेश में घटती रैंकिंग में सुधार के लिए प्रेरित किया। इसके बाद अधिकारियों ने जोश और जुनून के साथ व्यवस्थाओं में सुधार के कार्य किए। जर्जर भवनों का जीर्णोंद्धार करवाया। भामाशाहों के सहयोग से नए कक्षा कक्ष, नए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, स्मार्ट क्लास रूम व शिक्षकों की कमी दूर कर शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस किया। जिसका नतीजा यह रहा कि कोटा दूसरे नम्बर पहुंच गया।
शिक्षा के क्षेत्र में कोटा का प्रदेश में दूसरे नम्बर पर रहना जिले के बड़ी उपलब्धि है। हर माह शिक्षा अधिकारियों व संदर्भ व्यक्ति से जिला रैंकिंग समीक्षा बैठक की और सुविधाओं में विस्तार कर लगातार की जा रही मॉनिटरिंग की बदौलत जिले को यह उपलब्धि हासिल हुई है। अब कोटा को प्रदेश में पहले स्थान पर लाना उद्देश्य है।
- उषा पंवार, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी, समग्र शिक्षा कोटा

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