असर खबर का - कोटा में उद्योग स्थापना की संभावनाएं बढ़ी

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट में करीब 12 सौ करोड़ का होगा निवेश

असर खबर का - कोटा में उद्योग स्थापना की संभावनाएं बढ़ी

देशभर की 52 इकाइयों के कोटा में आकर निवेश की योजना।

कोटा। औद्योगिक नगरी के रूप में देशभर में विख्यात कोटा में एक बार फिर से उद्योगों को बढ़ावा मिलने व नए उद्योग लगने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ी है। यह दैनिक नवज्योति की मुहिम का ही असर है कि कोटा में  देशभर के इनवेस्टर उद्योगों में निवेश करने के लिए आ सकते हैं। दैनिक नवज्योति ने 22 मई 2024 को  ‘पानी बिजली प्रचुर मात्रा में होते हुए भी कोटा में क्यों नहीं बढ़ रही उद्योगों की संख्या’ विषय पर परिचर्चा की थी। जिसमें शहर के सभी बड़े उद्योग समूहों कोटा स्टोन, एमएसएमई, लघु उद्योग, एसएसआई समेत कई उद्योगों से जुड़े उद्यमियों व व्यापारियों ने  इस बारे में अपने विचार व्यक्त किए थे। उसमें सभी ने कहा था कि कोटा में नए उद्योग लगने की जरूरत है। लेकिन उसके लिए जमीन हो और सरकार की ओर से उद्योग नीति लागू कर इनवेस्टर को सुविधाएं दी जाए। उस समय उद्यमियों ने यहां किस तरह के उद्योग लगाए जाने चाहिए उस बारे में भी जानकारी दी थी।  दैनिक नवज्योति में प्रकाशित समाचार को राज्य सरकार तक पहुंचाया गया था। जिसके बाद से उस विषय  में काम व प्रयास शुरू हो गए थे। उसी का परिणाम है कि कोटा में नए उद्योग लगाने व पुराने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए  देशभर से निवेशक कोटा आ रहे है।   

9 अक्टृबर को होनी है इनवेस्टमेंट समिट
जिला प्रशासन व जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट का आयोजन कोटा में 9 अक्टूबर को किया जाना है। होटल मेवल में आयोजित होने वाली इस समिट में देशभर से 52 इकाइयों से 1103 करोड़ का निवेश करने के प्रस्ताव तो अभी तक प्राप्त हो चुके है। 9 अक्टूबर से पहले करीब 12 सौ करोड़ रुपए तक के निवेश कने की सभावना जताई जा रही है। जिससे करीब 5 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।  

जिला प्रशासन ने तैयार किया लैंड बैंक
इनवेस्टेंट समिट की तैयारियों को लेकर गत दिनों जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई थी। जिसमें जिला कलक्टर ने बताया था कि कोटा में नए उद्योग लगाने व निवेश के लिए प्रशासन व केडीए ने लैंड बैंक तैयार किया है। निवेशकों की सुविधा अनुसार उन्हें जहां जैसी जमीन की आवश्यकता होगी उन्हें उपलब्ध करवाई जाएगी। हालांकि रानपुर में नए औद्योगिक शहर को विकसित करने की भी योजना है। 

आईटी उद्योग की आवश्यकता
दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने बताया कि कोटा में इनवेस्टमेंट समिट होना सकारात्मक प्रयास है। यहां नए उद्योग लगाने की संभावनाएं भी है। बिजली पानी प्रचुर मात्रा में है। कोचिंग सिटी होने से कोटा में सबसे अधिक आई टी सेक्टर में बड़ा उद्योग लगाने की आवश्यकता है। जिससे यहां के लोगों व बाहर से आने वालों को भी लाभ हो सके।  उन्होंने कहा कि इस उद्योग को लगाने के लिए कोटा में जमीन है लेकिन जिस तरह का संस्थागत ढ़ाचा चाहिए उसे विकसित करने की आवश्यकता है। वैसे यहां सोलर एनर्जी प्लांट भी लगाए जाने की संभावना है।  मित्तल ने बताया कि समिट में इनवेस्टरों के निवेश करने की संभावना तो है लेकिन सरकार को पहले नई उद्योग नीति 2024 को लागू करने के बाद समिट करनी चाहिए थी। निवेशक को अभी यक पता नीं है कि नई नीति में उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी या नहीं। नई उद्योग नीति के भी 9 अक्टूबर को ही जारी होने की संभावना है। यदि उस नीति में उद्योग लगाने पर सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी या व्यवस्थाओं का सरलीकरण किया जाएगा तो निवेश बढ़ सकता है। यदि सुविधाएं नहीं दी गई तो निवेश में कमी भी हो सकती है।  पूर्व में 2019 व 2022 में भी कोटा में समिट हुई थी। लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जा सका। जिससे उनका कोटा वासियों को लाभ नहीं मिला। इस बार लोकसभा अध्यक्ष, सरकार व प्रशासन तीनों का सहयोग मिलने से कोटा में नए उद्योग लगने व निवेश बढ़ने की संभावना अधिक प्रबल दिख रही है। 

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नए उद्योग भी लगाए जा सकते हैं
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक हरमोहन शर्मा ने बताया कि कोटा में 9 अक्टूबर को होने वाली समिट के लिए अभी तक 52 बड़ी इकाइयों से 1103 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव तो प्राप्त हो चुके है। समिट से पहले इनके और बढ़ने की संभावना है। जिसके तहत नए उद्योग भी लगने की संभावना है। समिट के दौरान कई एमओयू होने पर ही उसे फाइनल किया जाएगा। 

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2019 व 2022 में भी हुई थी समिट
हालांकि कोटा में वर्ष 2019 व 2022 में तत्कालीन सरकार द्वारा नई उद्योग नीति लागू की गई थी। उस समय भी कोटा में इनवेस्टर समिट का आयोजन किया गया था। उस समय भी हजारों करोड़ रुपए के एमओयू अलग-अलग सेक्टरों में हुए थे। लेकिन वे परिणाम के रूप में तब्दील नहीं हो सके। 

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