उत्तर निगम के वार्ड 6 के लोग भुगत रहे पार्षद के भाजपाई होने का दंश
वार्डवासियों ने कहा हमे मूलभूत सुविधाएं तो मिल, पार्षद बोले काम मेरे अनुसार नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हिसाब से हो रहे
वार्ड में कई समस्याएं ऐसी है जिनका समाधान सालों पहले हो जाना चाहिए था लेकिन आज तक नहीं हुआ है। कर्मचारियों के अभाव में वार्ड के कई हिस्सों में सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। पहले से ही नालियां टूटी हुई हैं और उनकी भी टाइम पर सफाई नहीं होने के कारण वो अक्सर जाम रहती हैं और गंदा पानी सड़कों पर फैला रहता हैं।
कोटा। नगर निगम उत्तर के वार्ड नम्बर 6 की कहानी उन वार्डों के समान ही हैं जिन वार्डों का प्रतिनिधित्व भाजपा के पार्षद कर रहे हैं। इस वार्ड के लोग ही नहीं खुद वार्ड पार्षद ही वार्ड में बनी अव्यवस्थाओं को लेकर परेशान है। वार्डवासी बताते हैं कि निगम में बोर्ड कांग्रेस का है और पार्षद भाजपा के तो भेदभाव होना स्वाभाविक है लेकिन इतना भी सौतेलापन भी नहीं होना चाहिए कि वार्ड के नागरिक बिजली, पानी और सफाई जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए मुंह देखते रहें। वार्डवासियों का कहना हैं कि वार्ड में काम तो हो रहे हैं लेकिन केवल उन्ही स्थानों पर जहां कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं या जहां पार्टी के मतदाता रह रहे हैं। वरना तो कई स्थानों पर ऐसे हालात हैं कि लगता ही नहीं हम किसी शहर में रह रहे हैं। उत्तर निगम के इस वार्ड में संगम होटल का क्षेत्र, हरिजन बस्ती, घोसी मौहल्ला, किशोर सागर तालाब तथा सीबी गार्डन आदि इलाकें आते हैं। इन इलाकों के लोग बताते हैं कि शहर के कांग्रेस पार्षद वाले सभी वार्डों में विकास के कार्य बहुत अच्छे हुए हंै लेकिन यहां तो अभी तक नालियों के काम नहीं हुए हैं। ठेकेदार ने जो काम किए हैं वो घटिया स्तर के हैं। निर्माण का कोई मापदन्ड ही नहीं है। चाहे सीवरेज का काम हो या सड़क का कोई भी काम उचित तरीके से नहीं किया गया है। पार्षद तो नाम मात्र के हैं सारे काम तो कांग्रेस के कार्यकर्ता करवा रहे हैं।
वार्ड में कई समस्याएं ऐसी है जिनका समाधान सालों पहले हो जाना चाहिए था लेकिन आज तक नहीं हुआ है। राज्य सरकार लोगों को पानी बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए बहुत कुछ कर रही है लेकिन हम उन्ही सुविधाओं के लिए मुंह ताक रहे हैं। वार्डवासियों का कहना हैं कि कर्मचारियों के अभाव में वार्ड के कई हिस्सों में सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। पहले से ही नालियां टूटी हुई हैं और उनकी भी टाइम पर सफाई नहीं होने के कारण वो अक्सर जाम रहती हैं और गंदा पानी सड़कों पर फैला रहता हैं। इन नालियों के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। वार्ड के गली मौहल्लों की बात तो दूर की हैं मेनरोड तक की सफाई नहीं होती है। वार्ड की गलियों में दिनभर आवारा मवेशी, सुअर और श्वान घूमते रहते हैं। जो कई बार दुघटनाओं के कारण बनते हैं। निगम में कई बार शिकायत भी कर दी गई लेकिन वहां जब पार्षद की नहीं सुनते तो हमारी कौन सुनेगा। वार्ड के कई स्थानों पर रोडलाइट अक्सर बंद ही रहती है जिससे चोरियां होने का डर बन रहता है।
वार्ड के लोगों का कहना हैं वार्ड पार्षद की तरफ से कोई कमी नहीं है लेकिन यूआईटी और निगम प्रशासन की लापरवाहियों के कारण वार्ड के ये हालात हुए पड़े हैं। पार्षद प्रतिनिधि उनकी हर समस्या के लिए सदैव तैयार रहते है लेकिन उनकी ही निगम और यूआईटी में सुनवाई नहीं होती। वार्ड में कई स्थानों पर नालियों को बने ही सालों गुजर गए हैं,उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। पार्षद ने निगम में लिखित रूप में अवगत भी करवाया लेकिन समस्या वैसे ही बनी हुई है। यहां के लोग कांग्रेस और भाजपा के बीच फुटबॉल बने हुए है। लोग कहते हैं कि भले ही वार्ड का प्रतिनिधित्व भाजपा के पार्षद कर रहे है लेकिन लोग तो इसी शहर के हैं। वार्ड पार्षद का कहना है कि वार्ड के साथ जबरदस्त दुर्व्यवहार हुआ है। वार्ड में काम भले ही मैने लिखकर दिए हैं लेकिन वार्ड में 20 प्रतिशत काम मेरे अनुसार और 80 प्रतिशत कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कहने से हुए हैं। जो काम हुए है वो भी घटिया क्वालिटी के हुए हैं। लोग मुझे आकर अपनी परेशानी बताते हैं लेकिन मैं क्या करू, मैं केवल निगम तक उनकी परेशानी को पहुंचा ही सकता हूं। अब काम करना नहीं करना ये तो निगम के अधिकारियों के हाथ में है।
इनका कहना हैं...
वार्ड में सफाई के कर्मचारी कम हैं जिससे वार्ड की सफाई व्यवस्था डगमगाई हुई है। वार्ड के सफाईकर्मियों को यहां से हटाकर दूसरे वार्डों में भेज दिया गया हैं। पहले जीएम प्लाजा से लेकर गुमानपुरा पुलिया तक मेनरोड की सफाई नहीं होती थी, मैने शुरू करवाई लेकिन 1 महीने बाद ही वापस बंद कर दी गई, कहता हूं तो कहते हैं कि यूआईटी के लोग कर तो रहे हैं सफाई। अब ये काम निगम का हैं या यूआईटी का वो ही जाने। इस बात से कलक्टर को भी अवगत करवा चुका हंू। वार्ड में ढ़ेर सारी अव्यवस्थाएं बनी हुुई हैं।
- नन्दकिशोर मेवाड़ा, वार्ड पार्षद।
वार्ड में काई सफाई व्यवस्था नहीं हैं। वार्ड की नालियों के हालात बहुत खराब हैं। नालियां अक्सर जाम रहती हैं। पाइपलाइन पुरानी है तो पीने के पानी की भी समस्या रहती हैं। वार्ड में जो नालियां बनी हैं वो भी ठेकेदार ने ढ़ग से नहीं बनवाई हैं। सीवरेज का काम ढंग से नहीं हुआ है। वार्ड में आवारा मवेशियों और श्वानों की भरमार हैं।
- चेतन यादव, वार्डवासी।
पार्षद भाजपा के हैं तो सौतेला व्यवहार हो रहा है। अन्य वार्डों की अपेक्षा हमारे वार्ड में लेबर कम होने के कारण सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। पार्षद से जितना हो सकता है, हमारा सहयोग करते ही है।
- मनीष शर्मा, वार्डवासी।

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