फ्लाई ओवर के नीचे गेम जोन से गायब होने लगी रैलिंग व जाली
अभी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी हुई ना गार्ड लगे
नए कोटा क्षेत्र में विशेषकर कोचिंग एरिया में खेल की जगह उपलब्ध करावने के लिए फ्लाई ओवर के नीचे गेम जोन बनाया है।
कोटा। शहर में चोरों के हौंसले इतने अधिक बुलंद हो रहे हैं कि वे न तो घरों को छोड़ रहे हैं और न ही सार्वजनिक स्थानों को। चोरों ने झालावाड़ रोड जैसे व्यस्त मार्ग पर फ्लाई ओवर के नीचे बने गेम जोन तक को नहीं छोड़ा। यहां से भी रैलिंग व जालियां गायब होने लगी है। नए कोटा क्षेत्र विशेष रूप से कोचिंग एरिया में युवाओं व विद्यार्थियों को खेल की जगह उपलब्ध करावने के उद्देश्य से कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा झालावाड़ रोड पर सिटी मॉल के सामने फ्लाई ओवर के नीचे गेम जोन बनाया है। इसके लिए यहां रैलिंग लगाकर उसे जालियों से कवर किया है। जिससे यहां खेल की प्रेक्टिस करने वालों को सुरक्षा भी मुहैया हो सके।
4 स्पान, दो खेल
सिटी मॉल के सामने बने फ्लाई ओवर के नीचे चार स्पान को गेम जोन के लिए चिन्हित किया गया है। जिनमें दो गेम का अभ्यास कराया जाएगा। तीन स्पान में स्केटिंग व एक में बास्केटबॉल का अभ्यास कराया जाएगा। इसके लिए केडीए की ओर से बास्केटबॉल की नेट भी लगाई गई है।
देखरेख के अभाव में दुर्दशा
केडीए ने गेम जोन बनाने के लिए हजारों रुपए खर्च तो कर दिए। लेकिन वहां उसकी सुरक्षा के लिए न तो अभी तक गार्ड लगाए हैं और न ही अभी तक इसके संचालन का टेंडर किया गया है। जिसका फायदा चोर उठा रहे हैं। पिछले कई दिन से धीरे-धीरे चोर सिटी मॉल के सामने वाले हिस्से से रैलिंग और कई जगह से जालियों के छोटे-छोटे हिस्से चोरी कर ले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यदि कुछ समय और इसकी देखरेख नहीं की गई तो इसकी अधिक दुर्दशा हो जाएगी।
केडीए ने दो बार किया टेंडर
कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से गेम जोन के संचालन के लिए दो बार टेंडर किए जा चुके है। पहली बार में तो कोई भी नहीं आया। अब दोबारा टेंडर किया है। उसकी प्रक्रिया चल रही है। केडीए द्वारा गेम जोन का संचालन करने वाले से एक साल में ९६ हजार रुपए यानि करीब ८ हजार रुपए महीना किराए के रूप में लिया जाएगा। इसके बाद यहां जितने लोग प्रेक्टिस करने आएंगे उनसे मासिक शुल्क संबंधित संचालन कर्ता द्वारा वसूल किया जाएगा।
इनका कहना है
झालावाड़ रोड फ्लाई ओवर के नीचे गेम जोन के लिए केडीए ने सैटअप तैयार किया है। अब इसके संचालन की प्रक्रिया की जा रही है। पहली बार टेंडर में कोई नहीं आया। अब दूसरी बार टेंडर किया है। उसके शीघ्र ही फाइनल होने पर इसका संचालन किया जाएगा। साथ ही जब तक इसका संचालन करने वाला नहीं मिलता है तब तक यहां गार्ड की व्यवस्था की जाएगी। जिससे इसे किसी तरह का कोई नलकसान नहीं हो।
- मुकेश चौधरी, सचिव,कोटा विकास प्राधिकरण

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