सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट : पीएम सूर्यघर योजना से जुड़कर घरेलू बिजली उपभोक्ता अब बनेंगे ऊर्जादाता
अवैध धर्मान्तरण रोकने के लिए और कठोर प्रावधान राज सेस कॉलेजों में होंगी 4724 भर्तियां
वहीं, नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी-एसटी वर्ग के पीड़ित के खिलाफ ऐसा अपराध करने पर न्यूनतम दस साल और अधिकतम 20 साल जेल तथा दस लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
जयपुर। विधानसभा के मानसून सत्र से एक दिन पहले कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण रोकने के विधेयक में कुछ और संशोधन करने की मंजूरी दी गई। यह बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा। राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 के नए ड्राफ्ट में जबरन धर्म परिवर्तन करने पर उम्रकैद सहित कई कठोर प्रावधान किए गए हैं। बैठक में प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों में सुव्यवस्थित सीवरेज सिस्टम बनाने के लिए सीवरेज एवं अपशिष्ट जल नीति-2016 में संशोधन विधेयक लाने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल तथा खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि अब अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए न्यूनतम सात साल और अधिकतम 14 साल की जेल और न्यूनतम पांच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
वहीं, नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी-एसटी वर्ग के पीड़ित के खिलाफ ऐसा अपराध करने पर न्यूनतम दस साल और अधिकतम 20 साल जेल तथा दस लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर न्यूनतम 20 साल और अधिकतम आजीवन जेल तथा 25 लाख जुर्माने का प्रावधान प्रस्तावित है। धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी संस्थान या अवैध संस्थान से पैसा लेने पर न्यूनतम दस साल और अधिकतम 20 साल जेल और 20 लाख रुपए जुर्माना प्रस्तावित है। मूल पैतृक धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन परिभाषा में शामिल नहीं किया गया है। कोई अगर एक बार से ज्यादा अपराध करता है तो उसे उम्रकैद तक सजा और 50 लाख जुर्माने का प्रावधान है। अन्य प्रावधानों में धर्मांतरण में लिप्त संस्था का रजिस्ट्रेशन रद्द करने, राज्य सरकार की ग्रांट बंद करने और धर्म परिवर्तन वाले स्थान पर संस्थान की संपत्ति की जांच और जब्ती या गिराए जाने जैसे प्रावधान हैं।
सौर ऊर्जा से जोड़कर 150 यूनिट बिजली हर महीने फ्री
मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना के लाभार्थियों को पीएम सूर्यघर योजना से जोड़ते हुए 100 की जगह 150 यूनिट बिजली हर महीने फ्री देना तय किया है। इसके लिए सरकार 150 यूनिट से कम उपभोग वाले करीब 11 लाख उपभोक्ताओं के घरों पर 1.1 किलोवाट क्षमता के नि:शुल्क सोलर पैनल लगवाएगी। दूसरी श्रेणी में जिन रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के पास रूफटॉप प्लांट लगाने की छत उपलब्ध नहीं है, उनके लिए डिस्कॉम सामुदायिक सोलर प्लांट लगाएगा। वहीं, 150 यूनिट से अधिक उपभोग वाले रजिस्टर्ड करीब 27 लाख लाभार्थी परिवारों(जिनका औसत मासिक उपभोग 150 यूनिट से अधिक है) की छत पर योजना में 1.1 किलोवाट क्षमता के निशुल्क सोलर पैनल लगाए जाएंगे। ऐसे उपभोक्ताओं को पीएम सूर्यघर योजना में केन्द्र सरकार से 33 हजार रुपए वित्तीय सहायता मिलती है और अब राज्य सरकार 17 हजार रुपए प्रति संयंत्र की अतिरिक्त सहायता देगी। इससे 1.1 किलोवाट क्षमता का पैनल पूरी तरह निशुल्क हो जाएंगे और 150 यूनिट तक मासिक खपत पर बिजली बिल शून्य हो जाएगा। वहीं, करीब 27 लाख परिवारों के रूफटॉप संयंत्र लगने से तीन हजार मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता सृजित होगी।
374 कॉलेजों में होंगी भर्तियां
प्रदेश में राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी (राज सेस) के अंतर्गत 374 कॉलेज संचालित हैं। राज सेस कॉलेजों में 4,724 शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संविदा पदों पर भर्ती की जाएगी। 3,540 शैक्षणिक पदों पर यूजीसी मापदंडों के अनुरूप योग्य अभ्यर्थियों का नेट/स्लेट/सेट/पीएचडी के माध्यम से भर्ती करने पर विचार किया जा रहा है।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सेवा नियमों को मंजूरी
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सेवा नियम अब तक नहीं बनाए गए थे। मंत्रिमंडल की बैठक में बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नए सेवा नियम राजस्थान स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (गैजेटेड स्टाफ) सर्विस रूल्स, 2025 एवं राजस्थान स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड (मिनिस्टीरियल एंड सबऑर्डिनेट सर्विसेज) रूल्स, 2025 बनाए जाने के साथ ही राजस्थान सबऑर्डिनेट एंड मिनिस्टीरियल सर्विसेज (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) रूल्स, 2022 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। इन नियमों के लागू होने के बाद बोर्ड में नियमित कार्मिकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त होगा।

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