5 माह के मासूम की सफल जटिल रोबोटिक सर्जरी

महात्मा गांधी अस्पताल में हुआ ऑपरेशन, संभवत: यह प्रदेश का पहला ऑपरेशन

5 माह के मासूम की सफल जटिल रोबोटिक सर्जरी

यह सर्जरी बिना किसी रक्तस्राव और बहुत ही सूक्ष्म 8 मिमी के तीन चीरों द्वारा करने में सफ लता मिली।

जयपुर। महात्मा गांधी अस्पताल के पीडियाट्रिक्स सर्जरी विशेषज्ञ ने पांच माह के मासूम की जटिल सर्जरी कर जान बचाई है। बच्चे को जन्म से ही श्वास लेने में मदद करने वाली छाती एवं पेट के बीच स्थित मांसपेशी में एक बड़ा छेद था। इस कारण मासूम का आमाशय, बायां गुर्दा, तिल्ली, बड़ी आंत और छोटी आंत का काफी सारा हिस्सा बच्चे के बाएं ओर छाती में था। इस वजह से बच्चे के बाएं फेफड़े, दिल एवं दाएं फेफड़े पर भारी दबाव था। वे अपनी जगह से दूसरी ओर सरक गए थे। ऐसी स्थिति में बच्चे को बार-बार श्वास की तकलीफ थी। महात्मा गांधी अस्पताल के वरिष्ठ पीडियाट्रिक सर्जन डॉ सिद्धार्थ सिंह राठौड़ ने मरीज के परिजनों को बच्चे के इलाज के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता जताई थी। बीमारी में बच्चे के ऑपरेशन के लिए रोबोटिक सर्जरी बहुत फायदेमंद साबित हुई। रोबोटिक सर्जरी से छाती में सूक्ष्म चीरों से ही बच्चे की जटिल सर्जरी करके सफ लता मिली। यदि इसे सामान्यत: किया जाता तो बच्चे के पेट पर एक बड़ा चीरा लगाना होता। ऑपरेशन के बाद बच्चे को दो दिन में ही घर भेज दिया गया, जहां वह अब वह पूर्णत: स्वस्थ है।

बच्चे का संभवत: पहला ऑपरेशन
पांच महीने के बच्चे के कंजेनाइटल डाइफ्रामैटिक हर्नियां रोग का रोबोटिक तकनीक से ट्रांस थोरेंसिक डाइफ्रामैटिक रिपेयर किया गया। चिकित्सकों के अनुसार प्रदेश में यह इस तरह का संभवत: पहला ऑपरेशन है। प्रो.सिद्धार्थ सिंह राठौड़ ने बताया कि बच्चे की छाती में बहुत कम जगह होती हैं। फेफड़े के लगातार फूलने एवं दिल के धड़कने से लगातार मूवमेन्ट होता है। इससे सर्जन को बड़ी कठिनाई होती है। इसके लिए रोबोटिक 3डी वीजन जैसे बेहतरीन उपकरण का सहारा लिया जाता है। यह सर्जरी बिना किसी रक्तस्राव और बहुत ही सूक्ष्म 8 मिमी के तीन चीरों द्वारा करने में सफ लता मिली। ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ कल्पना, डॉ तन्मय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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