नेशनल मैंगो डे पर विशेष : अल्फांसो है ‘राजा’ और केसर है ‘रानी’, गर्मियों का मौसम और रसीले आम की मिठास 

भारत आम की दुनिया का बेताज बादशाह, उत्तर प्रदेश अव्वल 

नेशनल मैंगो डे पर विशेष : अल्फांसो है ‘राजा’ और केसर है ‘रानी’, गर्मियों का मौसम और रसीले आम की मिठास 

आम का मौसम राजस्थान में उत्साह और स्वाद का पर्याय है।

जयपुर। आम का मौसम राजस्थान में उत्साह और स्वाद का पर्याय है। दशहरी और लंगड़ा जैसे किफायती आमों से लेकर अल्फांसो और केसर जैसे प्रीमियम आमों तक, यहां हर स्वाद और जेब के लिए कुछ न कुछ है।

यदि सरकार आम की खेती को बढ़ावा दे, तो राजस्थान न केवल स्थानीय मांग पूरी कर सकता है, बल्कि निर्यात के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयां छू सकता है। फलों का राजा कहलाने वाला आम न केवल स्वाद में बेमिसाल है, बल्कि इसकी आर्थिक और सांस्कृतिक महत्ता भी अनूठी है।

राजस्थान में लोकप्रिय किस्में : दशहरी, लंगड़ा, केसर, चौसा, अल्फांसो (हापुस), तोतापुरी  

स्थानीय देसी किस्में : जयपुर फल-सब्जी थोक विक्रेता संघ, मुहाना मंडी के अध्यक्ष योगेश तंवर ने बताया कि बांसवाड़ा जैसे क्षेत्रों में टीमुरवा, आंगनवाला, कुआवाला, रसगुल्ला और गुलाब खास जैसे देसी आमों की खेती होती है, जो स्थानीय स्तर पर बेहद लोकप्रिय हैं। अलवर, कोटा में भी देसी आम का उत्पादन होता है। राज्य में देसी आम का उत्पादन होता हैं, जो कि स्थानीय स्तर पर ही खप जाता है।  

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बांसवाड़ा ‘आम हब’ बना : विशेष रूप से, बांसवाड़ा जिला आम की 46 से अधिक किस्मों के लिए जाना जाता है, जिनमें बॉम्बे ग्रीन, फजली, बैगनपाली, आम्रपाली, और मल्लिका शामिल हैं। यह जिला अपने 39,120 मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन के साथ राजस्थान का ‘आम हब’ बन चुका है।

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कुछ किस्में यहां कम देखी जाती हैं या नहीं आतीं : हिमसागर और मालदा आममुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय है। राजापुरी गुजरात और दक्षिण भारत में खाया जाता है। इसी प्र्रकार नूरजहांमध्य प्रदेश की पसन्द है जो जिसका एक ही पीस 3.5 किलो तक होता है। ये सभी राजस्थान में दुर्लभ है।

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मुहाना मंडी के भाव : गुजरात, मुंबई, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और स्थानीय स्तर से आम की आपूर्ति होती है।

अल्फांसो (हापुस) 1200-2000 रु. प्रति दर्जन: केसर: 100-150 रु. प्रति किलो
दशहरी: 50-70 रु. प्रति किलो
लंगड़ा: 50-60 रु. प्रति किलो
सफेदा: 40-70 रु. प्रति किलो 
चौसा: 50-80 रु. प्रति किलो।

भारत आम की दुनिया का बेताज बादशाह, उत्तर प्रदेश अव्वल :

भारत आम के मामले में न केवल उत्पादन में बल्कि विविधता और निर्यात में भी विश्व में अग्रणी है। देश में आम की करीब 1,500 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं। उत्तर प्रदेश आम उत्पादन में शीर्ष पर है, जबकि अमेरिका भारतीय आम का सबसे बड़ा खरीदार है। उत्तर प्रदेश में देश के कुल उत्पादन का लगभग 25-26% हिस्सा (लगभग 60 लाख टन प्रतिवर्ष) योगदान देता है। इसके बाद आंध्र प्रदेश (50 लाख टन) बिहार (15.80 लाख टन) कर्नाटक (14.50 लाख टन) और गुजरात (11.15 लाख टन) का नंबर आता है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम निर्यातक है, जो 40 से अधिक देशों को आम सप्लाई करता है। अमेरिका के बाद मालदीव, फ्रांस, न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम एशियाई देश जैसे यूएई, सऊदी अरब और कुवैत प्रमुख खरीदार हैं। 

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