दीपावली पर अयोध्या में 26 लाख दीपक होंगे रोशन : अयोध्या में रोशन होने वाले दीये राजस्थान से जाएंगे, मान्यता है- मिट्टी के दीये से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार
स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी
अयोध्या में मनाई जाने वाली दीपावली के दिये (दीपक) इस बार राजस्थान से भी जाएंगे।
जयपुर। अयोध्या में मनाई जाने वाली दीपावली के दिये (दीपक) इस बार राजस्थान से भी जाएंगे। दरअसल, दीपावली के अवसर पर अयोध्या में 26 लाख दीपक प्रज्ज्वलित किए जाएंगे, जिनमें हजारों गौमय दीपक सांगानेर स्थित श्री पिंजरापोल गौशाला के वैदिक पादप अनुसंधान केंद्र में तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही आस-पास के उपनगरों से भी दीपक तैयार करने के लिए आर्डर दिए गए हैं। दीपकों की विशेषता है कि जलने पर ये प्रकाश के साथ-साथ हवन सामग्री की सुगंध भी वातावरण में फैलाते हैं, जिससे धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व बढ़ जाता है। श्री रामलला अयोध्या जी सेवा समिति अयोध्याधाम के अध्यक्ष डॉ. आचार्य राजानंद शास्त्री ने नवज्योति को बताया कि अयोध्या की दीपावली राजस्थान की मिट्टी और गाय के गोबर से बने विशेष दीपकों से भी आलोकित होगी। राजस्थान में कई जगह दीपक बनाने के लिए आर्डर दिए गए हैं।
स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी :
आमतौर पर कुछ दशक पहले तक तो दीपक मिट्टी के ही बनते थे, लेकिन चीन से बड़ी संख्या में मोम और लाइट के दीपक आने से परम्परागत दीपक की मांग कम हो गई थी, लेकिन वापस स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए मिट्टी और गोबर से दीपक बनाए जा रहे हैं। अयोध्याधाम के अध्यक्ष डॉ.रामानंद शास्त्री का कहना है कि इससे ना सिर्फ स्वरोजगार बढ़ेगा बल्कि आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। मिट्टी के दीये का बड़ा धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि इनसे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर-आंगन पवित्र बनते हैं। दीप जलाना अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से भी दीये उपयोगी होते हैं। ये पूर्णत: प्राकृतिक होते हैं और उपयोग के बाद मिट्टी में मिलकर पर्यावरण को कोई हानि नहीं पहुंचाते हैं।

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