विश्व शौचालय दिवस : राजस्थान में 10 एस्पिरेशनल/पिंक शौचालयों का किया लोकार्पण, खर्रा ने नगर निकायों को किया निर्देशित
राज्य में 7,938 शौचालय सीटों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया
विश्व शौचालय दिवस पर “बदलती दुनिया में स्वच्छता” थीम के तहत राजस्थान के 7 नगरीय निकायों में 10 एस्पिरेशनल/पिंक शौचालयों का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया गया। सचिव रवि जैन ने बताया कि राज्य में 7,938 सीटों का लक्ष्य तय है, जिनमें से 672 पूर्ण हो चुकी हैं। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने गुणवत्ता, रखरखाव और जनसुलभता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जयपुर। विश्व शौचालय दिवस, जो प्रतिवर्ष 19 नवम्बर को मनाया जाता है, इस वर्ष “बदलती दुनिया में स्वच्छता” थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देशभर में एस्पिरेशनल शौचालयों का ऑनलाइन लोकार्पण किया गया।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के 7 नगरीय निकायों—जोधपुर, भरतपुर, गंगापुर सिटी, जयपुर, सिरोही, प्रतापगढ़ एवं शाहपुरा (जयपुर)—में नव निर्मित 10 एस्पिरेशनल/पिंक (महिला) शौचालयों का लोकार्पण नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के मंत्री झाबर सिंह खर्रा, सचिव स्वायत्त शासन विभाग रवि जैन एवं स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया।
सचिव रवि जैन ने इस अवसर पर बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य के सभी नगरीय निकायों में एस्पिरेशनल/पिंक टॉयलेट्स का निर्माण चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों सहित प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित, सम्मानजनक एवं सुलभ शौचालय सुविधा उपलब्ध कराना है।
रवि जैन ने बताया कि राज्य में 7,938 शौचालय सीटों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें से 672 सीटों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। बजट घोषणा 2024-25 के अंतर्गत 86 पिंक टॉयलेट ब्लॉक्स (458 सीटें) के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है, जिनमें 132 सीटों का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अतिरिक्त, वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु 500 पिंक टॉयलेट्स के निर्माण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिनमें से 422 टॉयलेट ब्लॉक्स को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
लोकार्पण के दौरान मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सभी नगर निकायों को निर्देशित किया कि एस्पिरेशनल/पिंक (महिला) शौचालयों की गुणवत्ता, नियमित रखरखाव और जनसुलभता सुनिश्चित की जाए, ताकि प्रदेश की शहरी स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं जनहितकारी बनाया जा सके।
कार्यक्रम के समापन पर निदेशक, स्वायत्त शासन श्री जुईकर प्रतीक चन्द्रशेखर ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और राज्य को शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करने का संकल्प दोहराया।

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