डिजिटल इंडिया के दौर में घर-घर पानी के बिल बांट रहा जलदाय विभाग, एक की जगह दूसरे महीने में मिलता बिल

जलदाय विभाग को डिजिटलाइज करने की जरूरत

डिजिटल इंडिया के दौर में घर-घर पानी के बिल बांट रहा जलदाय विभाग, एक की जगह दूसरे महीने में मिलता बिल

समय पर नहीं मिलते ऑफलाइन बिल, भुगतनी पड़ती है पैनल्टी।

कोटा। देश की आजादी के 75 साल बाद भी जलदाय विभाग डिजिटलाइजेशन की दौड़ में पिछड़ रहा है। जबकि, प्राइवेट सेक्टर  पूरी तरह से डिजिटलाइज हो कर उपभोक्ताओं को जरूरत की हर सुविधाएं घर बैठे उपलब्ध करवाने से लेकर तकनीकी रूप से सशक्त करने तक का काम कर रहे है। जबकि, सरकारी विभाग अब भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। जिससे उपभोक्ता अनावश्यक परेशानियों से जूझने को मजबूर है। विशेषज्ञों का तर्क है, यदि जलदाय विभाग बिजली का बिल ऑनलाइन दे तो उपभोक्ताओं को कई परेशानियों से निजात मिल सकती है।

एक की जगह दूसरे महीने में मिलता बिल
छत्रपुरा निवासी मोहम्मद आमीन, हर्षवर्धन चौहान, पुरूषोत्तम नागर कहते हैं, बिजली की तरह पानी का बिल भी ऑनलाइन मिले तो समय पर जमा करवाना आसान हो जाता है। हालात यह है, जलदाय विभाग बिलिंग का काम संवेदक फर्म से कराता है। बिल डिलीवर के दौरान यदि मकान बंद है तो कर्मचारी पड़ौस के घर में ही बिल पटक जाते हैं, जिससे संबंधित उपभोक्ता को समय पर बिल नहीं मिलता और पैनल्टी के रूप में नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में बिल ऑनलाइन बिल जनरेट किए जाने चाहिए ताकि बाहर होने पर भी उपभोक्ता को बिल मिल सके और समय पर जमा करवा सके। इससे सरकार को ही राजस्व के रूप में फायदा होगा। 

ऑनलाइन बिलिंग के फायदे 
कतारों में लगने की झंझट से निजात : उपभोक्ताओं को पानी का बिल ऑनलाइन मिलने लगे तो जमा करवाने के लिए ई-मित्र या कार्यालयों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। वहीं, कतारों में लगने की झंझट से निजात मिलेगी। वहीं, समय की बचत हो सकेगी। 
पैनल्टी से मिलेगी राहत : ऑफलाइन के कारण  उपभोक्ताओं को कई बार समय पर बिल नहीं मिल पाते। जिसका खामियाजा उन्हें पैनल्टी चुकाकर भुगतनी पड़ती है। जबकि, ऑनलाइन बिलिंग से उपभोक्ता समय पर भुगतान करने को प्रेरित होंगे। 
सुरक्षा का भाव : ऑफलाइन बिलिंग के लिए नकदी का उपयोग करना पड़ता है। कई बार लूटपाट की आशंका से उपभोक्ताओं को असुरक्षा महसूस होती है।  जबकि, ऑनलाइन बिलिंग से इस तरह की आशंकाओं से बचा जा सकता है। 

ऑफलाइन बिलिंग के नुकसान
समय की बर्बादी : ऑफलाइन बिलिंग के चलते कार्यालयों में लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ता है, जिससे समय की बर्बादी होती है।
लेटलतीफी बढ़ना : कई इलाकों में जलदाय विभाग के कार्यालय घरों से काफी दूर होते हैं, जिसकी वजह से लोग  अक्सर जाने में आलस कर जाते हैं। इससे लेटलतीफी बढ़ती है और समय पर बिल जमा नहीं होने से पैनल्टी बढ़ती है। वहीं, कार्यालयों की तलाश करना और उन्हें ढूंढना मुश्किल हो सकता है।
विभाग को मैन पावर का नुकसान: ऑफलाइन बिलिंग से  जलदाय विभाग को मैन पावर की कमी से जूझना पड़ता है। क्योंकि, विभाग के पास नियमित स्टाफ की कमी है और बिल डिलीवरी का काम संवेदक के कर्मचारियों द्वारा करवाया जा रहा है। यदि, बिलिंग आॅनलाइन कर दी जाए तो इन कर्मचारियों का उपयोग पाइप लाइन लीकेज, मीटर रीडिंग सहित अन्य कार्यों में विभाग कर सकता है।  

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जलदाय विभाग डिजिटलाइजेशन की ओर कदम बढ़ा चुका है। आगामी दिनों में होने वाले टेंडरों में इसी को लेकर कुछ शर्तें जोड़ी जाएगी। जिसके माध्यम से संवेदकों को पाबंद किया जाएगा कि वह उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर पर बिल आने का मैसेज दिया जाए। हालांकि, ई-मित्र पर ऑनलाइन पानी का बिल जमा करवा सकते हैं। साथ ही फोन-पे, गुगल पे पर भी यह सुविधा है। 
- श्याम माहेश्वरी, एक्सईएन जलदाय विभाग 

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उपभोक्ताओं का कहना है
डिजिटलाइजेशन होने से लोगों को सुविधाएं मिली हैं। लेकिन, समाज का बड़ा तबका तकनीक से परिचित नहीं हैं। ऐसे में वह पारंपरिक तरीके से बिलों का भुगतान करना ज्यादा पसंद करते हैं। हालांकि नये लोग ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम का उपयोग करने में ज्यादा रुचि रखते हैं।  इससे जहां समय की बचत होती है वहीं सुविधा भी मिलती है।  सरकार द्वारा लोगों को जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। 
- फिरोज खान, शिक्षक

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ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना पसंद नहीं है। साइबर ठगी  का खतरा बना रहता है। ई-मित्र या कार्यालय जाकर बिल जमा करवाना हमारे लिए आसान है। सबूत के तौर पर रसीद भी मिल जाती है। 
- सुरेंद्र पुरोहित, उपेंद्र कुमार, छावनी

आज डिजिटलाइजेशन का दौर है। ऐसे में मोबाइल का रिचार्ज से लेकर बिजली बिल तक मोबाइल पर मिलता है। लेकिन, जलदाय विभाग आज भी घर-घर बिल बांटता है। ऐसे में बाहर रहने पर बिल के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती। समय पर भुगतान नहीं होने पर पैनल्टी भुगतनी पड़ती है। पानी का बिल ऑनलाइन मोबाइल पर दिया जाना चाहिए।
- आशीष, राजेंद्र, अजय कुशवाहा, बोरखेड़ा

इनका कहना है
पानी का बिल ऑनलाइन दिए जाने का सुझाव सरकार को भेजा जाएगा। वहां से जो निर्देश प्राप्त होंगे, उसकी पालना की जाएगी। हालांकि, ऑनलाइन मोड पर पानी का बिल जमा करवाने की सुविधा है। उपभोक्ताओं को आॅफिसों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। वह ऑनलाइन ही बिल जमा करवा सकते हैं।
- प्रकाशवीर नाथानी, एक्सईएन जलदाय विभाग

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