कनाडा का नागरिकता नियमों में बड़ा बदलाव, हजारों परिवारों को सीधे फायदा
भारतीयों को सबसे ज्यादा फायदा, सी-3 एक्ट के तहत सिटिजनशिप एक्ट में होंगे बदलाव
कनाडा सी-3 एक्ट के तहत नागरिकता कानून में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे वंश आधारित नागरिकता नियमों में नरमी आएगी। सेकंड जेनरेशन कट-ऑफ हटने से विदेश में पैदा हुए कनाडाई नागरिकों के बच्चों को भी नागरिकता मिलेगी। इस कदम से हजारों भारतीय मूल के परिवारों को लाभ होगा।
ओटावा। कनाडा अपने नागरिकता कानून में बड़े बदलाव करने जा रहा है। कनाडा के सी-3 एक्ट के तहत सिटिजनशिप एक्ट में ये बदलाव होंगे। खासतौर से यह वंश के आधार पर नागरिकता देने में नरमी के लिए है। कनाडा सरकार के इस कदम से भारतीय मूल के हजारों परिवारों को फायदा होगा। कनाडा में रहने वाले विदेशियों में भारतीयों की बड़ी तादाद है, ऐसे में भारतीय परिवार इस बदलाव के सबसे बड़े लाभार्थी हो सकते हैं।
कनाडा की सरकार ने अभी इस कानून के लागू होने की तारीख का ऐलान नहीं किया है। हालांकि इसको मंजूरी दे दी गई है और जल्दी ही ये हकीकत बन जाएगा। इस बदलाव से सेकंड जेनरेशन कट ऑफ खत्म हो जाएगी। दरअसल मौजूदा नियमों के तहत कनाडाई नागरिक के कनाडा के बाहर पैदा हुए बच्चे को नागरिकता नहीं मिलती है। नए बदलाव इस समस्या को खत्म करता है।
क्या होगा बदलाव
कनाडा की इमिग्रेशन एजेंसी आईआरसीसी बताती है कि वंश के आधार पर कनाडाई नागरिकता के लिए पहली पीढ़ी की सीमा 2009 में शुरू की गई थी। इसका मतलब है कि कनाडा के बाहर पैदा हुआ या गोद लिया गया बच्चा वंश के आधार पर कनाडाई नागरिक नहीं है, अगर उसके कनाडाई माता-पिता भी कनाडा के बाहर पैदा हुए थे। 19 दिसंबर 2023 को ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कहा था कि इस सीमा से जुड़े सिटिजनशिप एक्ट के मुख्य हिस्से गैर-संवैधानिक थे।
कनाडा सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं करते हुए माना कि देश के बाहर पैदा हुए कनाडाई लोगों के बच्चों के लिए ये ठीक नहीं था। कैनेडियन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (उकछअ) ने पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑन सिटिजनशिप को दिए सबमिशन में सी-3 का समर्थन किया। सेकंड जेनरेशन कट ऑफ ने विदेश में पैदा हुए कनाडाई लोगों के लिए सेकंड-क्लास सिटिजनशिप बनाई। कई महिलाओं को सिर्फ बच्चे को जन्म देने के लिए कनाडा आना पड़ा।
यूएस, यूके जैसा होगा नियम
सीआईएलए का कहना है कि बिल सी-3 आखिरकार इस गैर-संवैधानिक रुकावट को हटा देता है। बिल सी-3 उन लोगों को सिटिजनशिप वापस देता है, जिन्होंने पुराने नियमों के तहत अपनी नागरिकता खो दी थी। आगे चलकर यह एक सब्सटेंशियल कनेक्शन टेस्ट भी तय करता है, जो विदेश में पैदा हुए कनाडाई माता-पिता को कनाडा के बाहर पैदा हुए अपने बच्चों को सिटिजनशिप देने की इजाजत देता है। सीआईएलए का कहना है कि यह टेस्ट अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के नियमों जैसा है। आईआरसीसी ने कहा है कि इस सुधार का मकसद कैनेडियन नागरिकता की अहमियत बनाए रखते हुए नियमों को बेहतर बनाना है। कनाडा की इमिग्रेशन मिनिस्टर लीना मेटलेज डियाब का कहना है कि बिल उ-3 हमारे नागरिकता कानूनों में लंबे समय से चली आ रही दिक्कतों को ठीक करेगा। इससे विदेश में पैदा हुए बच्चों के परिवारों को इंसाफ मिलेगा।

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