इस्तीफे के 4 महीने बाद RSS के कार्यक्रम में शामिल हुए धनखड़, जानिए कहां-क्या बोले पूर्व उपराष्ट्रपति?
इस्तीफे के बाद पहली बार मंच पर आए जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के चार महीने बाद जगदीप धनखड़ भोपाल में आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य की किताब ‘हम और यह विश्व’ के विमोचन समारोह में पहली बार सार्वजनिक मंच पर पहुंचे। अपने भाषण में उन्होंने इशारों में इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ लोग नैतिकता और आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन वे कर्तव्य से कभी समझौता नहीं कर सकते।
नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरएसएस के जॉइंट सेक्रेटरी मनमोहन वैद्य की किताब 'हम और यह विश्व' के विमोचन के मौके पर शनिवार को यहां पहुंचे। बता दें कि, यह पहला मौका था जब धनखड़ अपने इस्तीफे के बाद किसी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के करीब 4 महीने बाद जगदीप धनखड़ पहली बार कार्यक्रम में शामिल हुए और पहली पब्लिक स्पीच दी, इस भाषण में उन्होंने दोटूक शब्दों में ही सही, लेकिन इशारों इशारों में अपने इस्तीफे को लेकर बहुत कुछ कह दिया।
जगदीप धनखड़ ने कह दी बड़ी बात
पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी स्पीच में कहा कि, “ऐसा समय है जिसमें कुछ लोग नैतिकता और आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं,मैं फ़्लाइट पकड़ने की चिंता से अपना कर्तव्य नहीं छोड़ सकता… और मेरा हाल का इतिहास इसका उदाहरण है”
RSS की तारिफों के बांधे पुल
पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीन धनखड़ ने अपने स्पीच में आरएसएस की तारिफों के पुल बांधे और उनकी विचारधारा पर जमकर बात की। इसके आगे उन्होंने कहा कि, आज के मतलबी और स्वार्थी समाज में केवल भारत ही दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है और इसके लिए देश अपनी 6000 साल पुरानी परंपराओं और सभ्यताओं से प्राप्त अनुभव का फायदा उठा सकता है। देशवासियों के दिमाग में आरएसएस को लेकर काफी गलतफहमियां है, जिनको दूर करना बहुत ही जरूरी है। इतना ही नहीं, कुछ स्वार्थी लोग संघ पर कई निराधार आरोप भी लगाते है, लेकिन मनमोहन वैद्य की यह किताब मिथकों को तोड़ेगी और असली आरएसस के दर्शन करवाएगी।
नैरेटिव का जिक्र
पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने स्पीच में नैरेटिव का जिक्र करते हुए कहा कि, आज की दुनिया और जनरेशन नैरेटिव जिंदगी जी रही है। अगर आप गलती से भी इसके चक्कर में पड़ गए तो आप फंसते ही चले जाएंगे और कभी बाहर नहीं निकल पाएंगे।

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